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Crime: बेवफा पत्नी की करतूत… प्रेमी और 5 दोस्तों के मिलकर पति की हत्या की, शराब पिलाकर पीटा, फिर लगाए नींद के इंजेक्शन

  1. हत्या के बाद तालाब में फिंकवाया था पति का शव
  2. छर्रा का पुरा के तालाब में बोरे में बंद मिली थी लाश
  3. मृतक की पत्नी सहित छह आरोपी पुलिस गिरफ्त में

मुरैना। नूराबाद थाना क्षेत्र के छर्रा का पुरा गांव के तालाब किनारे बोरे में बंद मिली लाश की न सिर्फ शिनाख्त हो गई, बल्कि पुलिस ने हत्या का खुलासा भी कर दिया। मृतक की पत्नी ने अपने प्रेमी व उसके पांच दाेस्तों से यह हत्या करवाई थी। पुलिस ने महिला, उसके प्रेमी व पांच अन्य आरोपितों को दबोच लिया है। गौरतलब है, कि 2 अगस्त को छर्रा का पुरा गांव के तालाब किनारे बोरे में बंद युवक की लाश मिली। इस युवक की पहचान बिचौला गांव निवासी मनोज पुत्र राजीलाल उच्चारिया उम्र 37 साल के तौर पर हुई। मनोज के शव को उसके पिता, भाई व अन्य स्वजन ने पहचान लिया, लेकिन पत्नी भारती ने कहा कि यह शव उसके पति का नहीं किसी और का है।

पुलिस के शक की सुई यहीं से मृतक की पत्नी पर टिक गई। छानबीन शुरू हुई, सीसीटीवी कैमरों से लेकर मृतक व उसकी पत्नी के मोबाइल के कॉल डिटेल खंगाले गए। पता चला कि मृतक की पत्नी के मुरैना निवासी आशुतोष माहौर से अवैध संबंध है।

कम्प्यूटर सीखने गई और अवैध संबंध बन गए

आशुतोष मुरैना के वनखंडी राेड स्थित कौशल विकास केंद्र का मैनेजर है और एक-डेढ़ साल पहले भारती यहां कम्प्यूटर सीखने आती थी, तभी से आशुतोष से अवैध संबंध बन गए। भारती मई महीने में भी घर से भाग चुकी थी और तब भी आशुतोष माहौर का नाम आया था।

पुलिस को मृतक की कॉल डिटेल में पता चला कि 23 जुलाई को आखिरी कॉल आशुतोष का ही आया था। वनखंड़ी रोड के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी मृतक का कौशल विकास केंद्र तक जाना पता चला। इतने सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने आशुतोष माहौर को दबोचा और सख्ती से पूछताछ की तो उसने मनोज की हत्या की बात कबूल कर ली।

पूछताछ में उसने बताया कि कौशल विकास केंद्र के संचालक दीपक सेंगर, मुरैना निवासी लोकेश राठौर, अमन यादव, दीपक पलिया और आदित्य सिसोदिया के साथ मिलकर उसने 23 जुलाई को ही मनोज की हत्या कर दी। रात के समय शव को बोरे में बंद किया, फिर ट्राली में रखकर खिरावली गांव जाकर सड़क किनारे से बोरे में बंद शव तालाब में फेंक दिया था।

राब पिलाई लगाया नींद का इंजेक्शन

मृतक मनोज 22 जुलाई से लापता था और 23 जुलाई को नूराबाद पुलिस ने गुमशुदगी का भी केस किया था। उसकी हत्या इतने निर्मम तरीके से हुई है कि पुलिस अफसर भी हैरान रह गए। आरोपियों ने पहले उसे शराब पिलाई, फिर नशे की हालत में बुरी तरह पीटा। इसके बाद 25 से 30 नींद की गोलियों को पीसकर पानी में मिलाया। इस घोल को इंजेक्शनों में भरकर मनोज की गर्दन, पेट, छाती, पसलियों में लगाया, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके बाद मुंह में साफी ढूंसकर गला दबाकर हत्या कर दी।

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