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Satna: भारी बारिश से मंदाकिनी उफनाई, बकिया डैम के 14 गेट खोले, निचले इलाकों को कराया खाली, जलभराव वाले स्थानों में पुलिस तैनात

चौबीस घंटे में 109 मिमी गिरा पानी, नरहठी गांव में तीन ग्रामीणों का करना पड़ा रेस्क्यू


सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ लंबे इंतजार के बाद मौसम सतना में मेहरबान हुआ। शनिवार और रविवार को जिले भर में जोरदार बरसात हुई। बरसात के साथ लोगों की परेशानी भी बढ़ गई। मूसलाधार बरसात के कारण शहर से लेकर गांव तक जलभराव का सामना करना पड़ा। इस दौरान सतना जिले के चित्रकूट धाम की मंदाकिनी नदी उफना गई। इसके अलावा बैकिया डैम के 14 गेट खोलने पड़ गए। बरसात के चलते कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता जलभराव वाले स्थानों का जायजा लेने पहुंचे। जिला प्रशासन ने जलभराव वाले इलाकों में लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर न केवल वैरिकेटिंग करा दी बल्कि मौके पर पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई ताकि कोई भी व्यक्ति जोखिम नहीं ले।

हरियाली अमावस्या के चलते चित्रकूट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इसके साथ ही पवित्र तीर्थ स्थल चित्रकूट के मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिसके मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने नदी में नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं प्रमुख घाटों पर एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। एसडीएम जितेन्द्र वर्मा सहित चित्रकूट थाने की फोर्स लगातार भ्रमण कर रही है।

बकिया डैम के गेट खोले
बरसात के चलते रामपुर बाघेलान क्षेत्र का बकिया डैम खतरे के निशान से ऊपर तक भर गया। जिसके बाद 14 गेट खोल दिए गए। इस दौरान निचले इलाकों में रह रहे लोगों को घर खाली करने को कहा गया है। जिला प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वह नदियों के किनारे बने घरों को खाली कर दें इसके अलावा अफनाते नालों और नदियों को पार न करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि सतना जिले में बीते 24 घंटे के अंदर लगभग 109 मिली मीटर वर्षा दर्ज हो चुकी है जिससे तमाम नदी नालों का जलस्तर बढ़ चुका है। शहरी क्षेत्र में तमाम इलाकों में घरों के अंदर पानी घुस चुका है। बरसात के चलते लोग काफी परेशान है, क्योंकि उन्हें नगर निगम की टीम से कोई मदद नहीं मिल पा रही।

घरों में घुसा पानी, कालोनियां बनी तालाब
नगर निगम के उमरी और बगहा इलाके में कई घरों के अंदर बरसात का पानी घुस गया। इसके अलावा कॉलोनिया भी तालाब में तब्दील दिखाई देने लगी। सतना नदी से लगे धवारी अहिरान मोहल्ला में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इसी प्रकार तमाम सड़क भी जलमग्न है सिटी कोतवाली का अंडर ब्रिज पानी से लबालब भरा हुआ है। महादेव का रपटा भी खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है।

यहां तैनात की गई पुलिस

  • महादेवा-जिगनहट पुल
  • पनास खम्हरिया-धौरहरा मार्ग रपटा
  • परसमनिया-मैहर रोड पिपरिया पुल
  • रामपुर बाघेलान के कटरा पुल
  • बेलहटा- सतना अंडरब्रिज
  • मंदाकिनी नदी आरोग्यधाम चित्रकूट

नरहठी में किया गया तीन लोगों का रेस्क्यू

बरसात के कारण उचेहरा विकासखंड के नहरठी की नदी उफान पर रही। जिससे तीन ग्रामीण नदी के उस पार फंस गए। सूचना मिलते ही कलेक्टर अनुराग वर्मा, एसपी आशुतोष गुप्ता मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों का रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर लाने के निर्देश दिए। जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंच कर लाइफ जैकेट के सहारे तीनों ग्रामीणों का रेस्क्यू किया।

बीहर नदी का जल स्तर बढ़ा, 17 गांवों का सम्पर्क टूटा

कलेक्टर और वन विभाग ऑफिस परिसर मैहर में भी जल भराव

शनिवार और रविवार को जिले में हुई मूसलाधार बारिश से बीहर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। बीहर नदी खतरे के निशान से ऊपर चलने लगी है जिससे मैहर जिले के भीषमपुर और अमरपाटन का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया। इस दौरान करीब 17 गांव का भी संपर्क आपस में टूट गया है जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहा है। बरसात के चलते मैहर कलेक्टर ऑफिस परिसर और वन विभाग का कायाज़्लय परिसर लबालब भरा हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार मैहर जिले के तीन विकास करो में कल 469.1 मिनी वर्षा रिकार्ड की गई है। सबसे अधिक बरसात अमरपाटन में 119 मिली मीटर दर्ज की गई जबकि मैहर में 162.2 और रामनगर में 187.2 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है।

इन गांव का सम्पर्क टूटा

मैहर जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के मुताबिक भीषमपुर, जगदीशपुर, कुम्हारी, गोरा, बजबाही, कटहा, नौगमा, ताला, भडरा, बिछिया, घुईसा, सेमरिया, कुशमहट, रामगढ़, पटरा, अमझर, कोतर सहित कुल 17 गांव प्रभावित हैं। मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ और अन्य अधिकारियों ने नदी का जायजा लिया। इस दौरान लोगों को सलाह दी गई है कि नदी पार करने की कोशिश न करें।

होमगार्ड की टीम तैनात

बरसात के चलते जल मग्न होने वाली रास्तों में होमगार्ड की टीम तैनात की गई है। स्थानीय पटवारी के नेतृत्व में होमगार्ड सैनिकों को मौके पर तैनात किया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति खतरनाक जगह से ना निकले । ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हादसों को रोका जा सके।

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