Sunday , July 20 2025
Breaking News

हरियाली अमावस्या कल, इस दिन क्या करें और क्या ना करें

हरियाली अमावस्या जिसे 'श्रावण अमावस्या' भी कहते हैं, भारतीय परंपराओं में महत्वपूर्ण धार्मिक
और सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक क्रियाओं का प्रतीक है।
आइए जानते हैं इस दिन को लेकर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार क्या करना चाहिए और क्या नहीं
करना चाहिए।

क्या करें
पौधारोपण
हरियाली अमावस्या पर पौधारोपण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस
दिन पेड़-पौधे लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है। यह
दिन पर्यावरण की रक्षा और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए आदर्श है। विशेष रूप से पीपल, तुलसी
और आम के पौधे लगाना लाभकारी माना जाता है।

गृह शुद्धि और पूजा
इस दिन घर की स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है। धार्मिक दृष्टि से घर के प्रत्येक
कोने की सफाई और पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विशेष रूप से पूजा स्थान, रसोई,
और जलाशयों की सफाई पर ध्यान दें। घर की स्वच्छता से पितरों को प्रसन्नता मिलती है और घर
में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

पितर पूजा और तर्पण
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हरियाली अमावस्या को पितरों की पूजा और तर्पण करने से पूर्वजों की
आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन पितर श्राद्ध और तर्पण की विधि का पालन करना शुभ माना
जाता है। पितरों के प्रति श्रद्धा और अर्चना से परिवार की समृद्धि और सुख-शांति में वृद्धि होती है।

धार्मिक व्रत और उपवास
इस दिन व्रत रखकर उपवासी रहना और भगवान की पूजा करना धार्मिक परंपरा का हिस्सा है। व्रत
रखने से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होता
है। व्रत के दौरान फल-फूल, दूध और हल्के भोजन का सेवन किया जाता है।

दान और पुण्य कार्य
हरियाली अमावस्या के दिन दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन खासकर तिल, मूंग दाल
और हरी वस्तुएं दान करने की परंपरा है। दान से जीवन में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती
है।

क्या ना करें
मांसाहार और शराब
हरियाली अमावस्या के दिन मांसाहार और शराब का सेवन करना निषिद्ध है नहीं तो पुण्य प्राप्ति में
बाधा आती है।

झगड़े और विवाद
इस दिन झगड़े और विवादों से बचना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से इस दिन शांति और सामंजस्य बनाए
रखना महत्वपूर्ण है। झगड़े और विवाद से न केवल मनोबल प्रभावित होता है बल्कि आध्यात्मिक
लाभ भी प्रभावित होता है।

कठिन कार्य और यात्रा
हरियाली अमावस्या के दिन कठिन कार्यों और लंबी यात्रा से बचना चाहिए। इस दिन को विश्राम और
पूजा के लिए समर्पित करना अधिक लाभकारी होता है।

वृक्षों को हानि न पहुचाएं
यह दिन पेड़ पौधों की सेवा करने और नए पौधों को लगाने अवसर है। ऐसा करने से ग्रह दोष और
पितृ दोष दूर होता है। इस दिन आपको पेड़-पौधों को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए. यदि आप ऐसा करते
हैं, तो ग्रह दोष या पितृ दोष का भागी बन सकते हैं।

About rishi pandit

Check Also

कामिका एकादशी: पितृ शांति और वंश सुख के लिए करें ये विशेष उपाय

स्कंद पुराण में वर्णन है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से मनुष्य अपने सभी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *