नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मानसिक स्वास्थ्य सुविधा आशा किरण आश्रय गृह में हाल ही में हुई मौतों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। कथित तौर पर इन आश्रय गृहों में रहने वाले लोगों की मौत “स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और कुपोषण” के कारण हुई है। मालीवाल ने कहा, “पिछले 20 दिनों में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में 13 मौतें हो चुकी हैं। कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। जब मैं डीसीडब्ल्यू में थी, तो मैंने यहां की स्थिति का निरीक्षण किया था। यहां की स्थिति बहुत खराब है। यहां न तो उचित स्टाफ है और न ही डॉक्टर।”
उन्होंने कहा, "हमने उस समय एक रिपोर्ट बनाई और उसे दिल्ली सरकार को सौंप दिया, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई।" उन्होंने मांग की कि इस मुद्दे को उठाया जाए और एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगी। दिल्ली सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई मौतों की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को 48 घंटे के भीतर मामले की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
जुलाई के दूसरे पखवाड़े में 10 महिलाओं समेत 12 मरीजों की मौत हो गई और 45 से अधिक मरीजों को बाहर इलाज के लिए भेजा गया। हालांकि, 12 में से केवल एक शव का पोस्टमार्टम किया गया। सभी मृतकों में दस्त और उल्टी के लक्षण दिखे और मरीजों के शवों को आमतौर पर डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल भेजा जाता था, जो केंद्र से 2 किमी दूर है, जहां बीमार मरीजों का इलाज भी किया जाता था।
इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “आशा किरण में 450 लोग बिना उचित भोजन, पानी और दवा के रह रहे हैं। आतिशी को उन्हें दिए जा रहे दूषित पानी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में 350 लोगों की क्षमता वाली आशा किरण की स्थापना 1989 में की गई थी। इसे दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाया जाता है। राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से इसका कोई प्रमुख नहीं है।