Monday , November 25 2024
Breaking News

मुख्यमंत्री आवास में गुंडे की तरह हमला, हम हैरान; बिभव कुमार को SC की फटकार

नई दिल्ली

स्वाति मालीवाल पिटाई कांड में बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी टिप्पणियां की हैं। देश की सबसे बड़ी अदालत ने सीएम आवास में मालीवाल के साथ हुई घटना पर हैरानी जाहिर करते हुए बिभव कुमार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'उसने (बिभव कुमार) गुंडे की तरह काम किया और मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में घुसा। उसने तब भी महिला पर हमला किया जब उसने अपनी शारीरिक स्थिति बता दी थी।' कोर्ट ने पूछा कि एक महिला पर इस तरह हमला करते हुए शर्म नहीं आई?

जस्टिस दीपांकर दत्ता, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्जल भुइंया की बेंच ने गुरुवार को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई की। बिभव कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल के लिए राहत की मांग करते हुए कहा कि शिकायत तीन दिन बाद दर्ज की गई। उन्होंने यह भी कहा कि मालीवाल के आरोप मनगढंत और झूठे हैं। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कई तीखी टिप्पणियां की। अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।

जस्टिस सूर्यकांत की अगुआई वाली बेंच ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि जख्म छोटे हैं या बड़े। हम हैरान हैं कि सीएम आवास में जाने पर किस तरह यह सब हुआ।' हालांकि, कोर्ट जमानत याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया और पुलिस को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। बिभव कुमार ने 12 जुलाई को हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी है। सिंघवी ने कहा कि मालीवाल इस आवास पर आईं थीं ना कि कोई उनके घर गया था, इस पर बेंच ने कहा, क्या सीएम का दफ्तर निजी आवास है? क्या इस तरह के नियम की आवश्यकता है।'

सिंघवी ने कहा, 'पहले दिन वह पुलिस के पास गईं लेकिन कोई शिकायत नहीं दी। फिर तीन दिन बाद ऐसा किया।' इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ' इस पर क्या कहें कि उन्होंने 112 पर कॉल किया? यह आपके दावे को झुठलाता है कि उन्होंने मनगढ़ंत कहानी रची।'

सिंघवी ने बिभव को जमानत दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह हत्या का मामला नहीं है। इस पर एक बार फिर जस्टिस सूर्य कांत ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा, 'आप सही कह रहे हैं हम हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन यहां एफआईआर को देखिए। वह शारीरिक हालत पर रो रही थी। क्या आपको ऐसा करने का अधिकार है? यदि इस तरह का व्यक्ति गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकता तो कौन करेगा? क्या आप मानते हैं कि ड्रॉइंग रूम में मौजूद कोई उसके खिलाफ बयान देगा। क्या उसे ऐसा करते हुए शर्म नहीं आई।

बेंच ने यह भी पूछा कि कुमार सीएम का पूर्व सहयोगी था या सरकारी कर्मचारी। सिंघवी ने साफ किया कि वह पूर्व सरकारी सेवक हैं, लेकिन मौजूदा समय में राजनीतिक सहयोगी के तौर पर काम कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री के अपॉइंटमेंट फिक्स करते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा, 'एफआईआर कहता है कि वह पूर्व निजी सचिव हैं। सीएम के दफ्तर में जाने का आपके पास कौन सा अधिकार है, जो पीड़िता के पास नहीं।' गौरतलब है कि मालीवाल ने आरोप लगाया था कि 13 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में बिभव कुमार ने उनकी पिटाई की थी। बिभव कुमार इस समय जेल में बंद हैं।

 

About rishi pandit

Check Also

झारखंड में एक बार फिर सत्ता की चाबी हासिल करने के बाद हेमंत सोरेन 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे

रांची झारखंड में एक बार फिर सत्ता की चाबी हासिल करने के बाद हेमंत सोरेन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *