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Wayanad Landslides : मृतक संख्‍या हुई 153, कई लोग अभी भी मलबे में दबे, NDRF और सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

  1. भारी बारिश के कारण पहाड़ी दरकने से हुआ था भूस्खलन
  2. रात 2 बजे आया था पहला सैलाब, चार गांव पूरी तरह तबाह
  3. युद्ध स्तर पर चल रहा राहत एवं बचाव कार्य, सेना भी जुटी

National live wayanad landslides updates 143 dead so far 3000 rescued alert of heavy rain in kerala today schools and colleges closed: digi desk/BHN/वायनाड/केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद तबाही का मंजर है। चार गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। त्रासदी में मरने वालों की संख्या 153 हो चुकी है। केरल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक 3 हजार लोगों को बचाया गया है, जबकि अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

वायनाड भूस्खलन पैरा रेजिमेंटल ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सीगन ने अपडेट दिया है। उन्‍होंने बताया है कि एनडीआरएफ , सेना, राज्य पुलिस, वन अधिकारियों और स्वयंसेवकों के 500 से 600 कर्मी बुधवार को बचाव अभियान चला रहे हैं।

मंगलवार को ही राहत तथा बचाव के काम में सेना को लगा दिया गया था। वहीं केरल में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है। स्कूल और कॉलेज में छुट्टी घोषित की गई है। पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के वायनाड जाने की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के कारण दोनों ने दौरा निरस्‍त कर दिया है।

सांसद सतीशन ने कहा-पहली प्राथमिकता बचाव कार्य

वायनाड भूस्खलन पर लोकसभा सांसद वीडी सतीशन ने कहा, “पहली प्राथमिकता बचाव कार्य करना है। सेना और एनडीआरएफ अभी काम कर रहे हैं। कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। नष्‍ट हुए घरों को फिर से बनाने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक और पंचायतें अपना भरपूर सहयोग दे रही हैं। हमने सरकार से मांग की है कि सभी विस्थापित लोगों को घर का किराया दिया जाए क्योंकि उनके पास अब घर नहीं है।

मुख्‍य सचिव वेणु बोले-जीवित बचे लोगों और शवों की तलाश

वायनाड भूस्खलन के बाद और बचाव कार्यों पर केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी. वेणु ने मीडिया को जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि आज बचावकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी जीवित बचे लोगों और शवों की तलाश के लिए मुंदक्कई और ऊपरी इलाकों में जा रही है। नीचे की ओर पाए जाने वाले शवों की पहचान करना मुश्किल होगा क्योंकि वे क्षत-विक्षत हैं। फिलहाल हमारे पास भारतीय सेना, डीएससी केंद्र, प्रादेशिक सेना, एनडीआरएफ, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना से 1200 बचावकर्मी हैं।

जमीन खिसकने से गिरे बड़े पत्‍थर बने बाधा

बचाव दलों ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मुंदक्कई का गांव भूस्खलन के कारण गिरे विशाल पत्थरों और पेड़ों के कारण समतल हो गया है। उनके सामने जो समस्या है वह ढह चुके घरों को काटना है और इसके लिए उन्हें भारी उपकरणों की आवश्यकता है। फिलहाल हम नदी के उस पार भारी उपकरण ले जाने में सक्षम नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय सेना द्वारा बनाया जा रहा बेली ब्रिज कल तक पूरा हो जाएगा।

मिट्टी के नीचे दबे हो सकते हैं शव

ऐसी संभावना है कि शव मिट्टी के नीचे दबे हों। कल हम मुंदक्कई में पाए गए सभी घायलों को निकालने में कामयाब रहे। इस समय हम सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा दी गई सहायता से खुश हैं। आज सीएम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में एनडीएमए ने बताया कि वे ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार की मांग करने की स्थिति में हो सकते हैं जिन्हें ड्रोन पर लगाया जा सकता है।”

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