- राहुल गांधी बोले- ‘देश कमल के चक्रव्यूह में फंसा है’
- ‘प्रधानमंत्री मोदी समेत 6 लोगों ने बनाया चक्रव्यूह’
- ‘आप चक्रव्यूह बनाते हो, हम तोड़ने का काम करते हैं’
National rahul gandhi speech in lok sabha on budget 2024 discussion abhimanyu chakravyuh mohan bhagwat name: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में महाभारत में चक्रव्यूह बनाकर अभिमन्यु की हत्या का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की। साथ ही, जातीय जनगणना का मुद्दा भी उठाया।
राहुल गांधी ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो भी दिखाई। राहुल ने कहा, ‘इस फोटो में कोई पिछड़ा, दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। 20 अफसरों ने हलवा बनाया और अपने 20 लोगों में बांट दिया। बजट कौन बना रहे हैं, वही दो या तीन प्रतिशत लोग। हम जातिगत जनगणना लाकर इस विषमता को खत्म करेंगे।’
राहुल गांधी की यह बात सुनकर सदन में बैठीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर पकड़ लिया। सीतारमण की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया में वायरल है।
राहुल गांधी ने सुनाई अभिमन्यु और चक्रव्यूह की कहानी
राहुल गांधी ने महाभारत युद्ध में चक्रव्यूह बनाकर अभिमन्यु की हत्या का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा, 6 लोगों (कर्ण, द्रोणाचार्य, दुशासन, अश्वत्थामा, कृपा, शकुनि, दुर्योधन) ने मिलकर अभिमन्यु की हत्या की थी। आज भी छह लोगों ने अपने चक्रव्यूह में देश को फंसा रखा है। ये छह लोग हैं – नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजीत डोभाल, मोहन भागवत, अंबानी और अडानी।
मोहन भागवत का नाम लेने पर स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को रोका। स्पीकर ने बताया कि जो लोग इस सदन के सदस्य नहीं हैं, उनका नाम नहीं लिया जा सकता है। इस पर राहुल गांधी तीन नाम (डोभाल, अंबानी और अडानी) हटाने पर राजी हो गए।
राहुल गांधी और लोकसभा स्पीकर के बीच हुई बहस
- राहुल गांधी के संबोधन के दौरान कई बार हंगामा हुआ
- स्पीकर ने राहुल गांधी को गैर सदस्यों का नाम लेने से रोका
- राहुल गांधी के अनुसार, चक्रव्यूह का उल्टा है शिव की बरात
- भगवान शिव की बरात में किसी से भेदभाव नहीं होता है
- राहुल ने कहा- जातीय जनगणना से चक्रव्यूह को तोड़ेंगे
राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान में डर का माहौल है। हम कहते हैं, डरो मत और डराओ मत। राहुल गांधी के मुताबिक, भाजपा में केवल एक शख्स को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की आजादी है। नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा में ऐसा कोई नहीं कर सकता।