National no politics over students death at coaching centre must fix responsibility pradhan in rs: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि कोचिंग संस्थानों को नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में पानी भर जाने के कारण तीन यूपीएससी छात्रों की मौत पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। 27 जुलाई को दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत पर राज्यसभा में एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान भाग लेते हुए मंत्री ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रधान ने कहा कि शोक संतप्त परिवारों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने कहा कि कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। लापरवाही हुई है और किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि समाधान निकाला जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा केंद्र के साथ-साथ राज्य की भी जिम्मेदारी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 2017, 2019, 2020 और 2024 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोचिंग सेंटरों से संबंधित गाइडलाइन भेजी थी। इसमें कई सुझाव शामिल थे, जैसे- कोचिंग सेंटर का पंजीकरण और उसके लिए न्यूनतम मानक, छात्रों के लिए किस तरह की सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए और निरंतर निगरानी, जिसमें किसी के खिलाफ जाने पर जुर्माना लगाना। गोवा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मणिपुर जैसे कुछ राज्यों के अपने नियम हैं।
प्रधान ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने जनवरी 2024 में राज्यों को एक गाइडलाइन भेजी थी। यह पहले से ही सार्वजनिक है। अगर राज्य सरकारों ने इसका पालन किया होता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होती। इसे लागू करना राज्यों का कर्तव्य है। राज्यसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के लिए अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटना उचित नहीं होगा।
चर्चा के दौरान कुछ राज्यसभा सदस्यों ने देश की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए। इस पर प्रधान ने जवाब दिया कि कुछ लोगों के दिमाग में सिर्फ राजनीति ही भरी है। इस घटना में मारे गए आईएएस उम्मीदवारों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के एर्नाकुलम के नेविन डेल्विन (24) के रूप में हुई है।