शाहपुरा.
विधायक बैरवा ने शाहपुरा जिला मुख्यालय होने से यहां सभी आवश्यक विभागीय कार्यालयों व मिनी सचिवालय के लिए भूमि आवंटित करने, टाउन हाल, आर्ट गैलेरी, स्ट्रीट मार्केट सहित अन्य सौंदर्यकरण के कार्यों के लिए सरकार से अपने स्तर पर कार्रवाई कर विकास कराने का अनुरोध किया है। विधायक ने शाहपुरा के पिवणिया तालाब के बीचोंबीच स्थित जलमहल बगरू का कायाकल्प करते हुए वहां पहुंचने के लिए तालाब में पुल निर्माण की भी मांग की हैं। विधायक बैरवा ने विभागीय मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि शाहपुरा में रियासत कालीन महल किले के भवन हैं जो देखरेख के अभाव में ये इमारते क्षतिग्रस्त हो रही है। इनके उपयोग व रिनोवेशन के लिए सरकार को कुछ करना चाहिए।
शाहपुरा के मास्टर प्लान का जिक्र करते हुए विधायक बैरवा ने कहा है कि अब यह जिला बन चुका है। मास्टर प्लान की खामियों से विकास अवरूद्व हो रहा है। जिला मुख्यालय होने के एक साल होने के बाद भी अभी तक नगर नियोजन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिला मुख्यालय पर लगभग 50 बड़े कार्यालय व मिनी सचिवालय के लिए अब तक न तो भूमि आवंटित की गई तथा न ही भूमि आरक्षित की है। विधायक बैरवा ने कहा कि शाहपुरा के मास्टर प्लान में रही खामियों के कारण आज जिला मुख्यालय बनने के बाद यहां का विकास अवरूद्व हो रहा है। मास्टर प्लान में कई क्षेत्र अकारण ही कार्मिशियल बता दिये तथा कई क्षेत्र आरक्षित दर्शा दिये गये है। इस कारण नगर परिषद न तो निर्माण स्वीकृति दे पा रही है तथा न ही वहां होने वाले निर्माण को रूका पा रही है। क्यों वहां के भूखंडों के मालिकों के पास स्वामित्व दस्तावेज तो है पर मास्टर प्लान की गड़बड़ी के कारण यह परेशानी हो रही है। विधायक बैरवा ने कहा कि आजादी आंदोलन, सांस्कतिक व शिक्षा तथा धार्मिक क्षेत्र में देश में अपना अहम स्थान रखने वाले शाहपुरा नगर परिषद क्षेत्र में विकास का खाका खिंचने के लिए सरकार की ओर से कई विकास कार्यो को कराया जाना जरूरी है। इसके लिए शाहपुरा को विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए। इसमें सबसे पहले टाउन हाल का निर्माण, आर्ट गैलेरी का निर्माण, वाणिज्यिक गतिविधियों के संचालन के लिए स्ट्रीट मार्केट का निर्माण जरूरी है। विधायक बैरवा ने कहा कि नगर पालिका को क्रमोनत करके नगर परिषद बना दी है, पर अभी तक परिषद के मानदंडों के अनुरूप स्टाफ नहीं दिया गया है। नगर परिषद में स्टाफ लगाया जाना अनिवार्य हो गया है। नगर परिषद में अग्नि शमन वाहन तो सरकार की ओर से उपलब्ध करा दिया गया पर इसको संचालित करने व शाखा को संचालित करने के लिए एक भी कार्मिक उपलब्ध नहीं कराया गया है। अग्निशमन वाहन का संचालन करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ न होने के कारण अभी सफाई कर्मचारी ही इसका संचालन कर रहे है।