रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ रीवा जिले के सोहागी क्षेत्र के चौरा गांव में एक झोलाछाप डाक्टर ने उल्टी दस्त की बीमारी से जूझ रहे मासूम बच्चे को 6 घंटे के भीतर ही ग्लूकोज की सात बोतलें चढ़ा दीं। झोलाछाप डाक्टर के इलाज से मासूम की मौत हो गई। मामला मंगलवार का बताया जा रहा है। इस मामले में मासूम बच्चे के परिजनों ने बुधवार को सोहागी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। परिजन के मुताबिक, झोलाछाप डाक्टर ने 6 घंटे में बच्चे को एक के बाद एक ग्लूकोज की 7 बोतल चढ़ा दीं। जिससे बच्चे की हालत में सुधार होने के बजाय उसकी नाक से खून और मुंह से झाग आ गया। बच्चे की हालत ज्यादा खराब होते हुए परिजन उसे प्रयागराज ले जा रहे थे। प्रयागराज पहुंचने के पहले ही मासूम ने रास्ते में दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का शव परिजन के सुपुर्द कर दिया गया है।
-यमदूत बन गया झोला छाप डाक्टर
सोहागी थाने के चौरा गांव निवासी मकबूल अहमद के मुताबिक, ‘बेटे मोहम्मद साजिद अहमद को रविवार शाम से उल्टी – दस्त की शिकायत थी। उसे गांव के ही एक डॉक्टर को दिखाया, लेकिन आराम नहीं हुआ। सोमवार को रायपुर सुनौरी उप स्वास्थ्य केंद्र ले गए। मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। मजबूरी में एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर के यहां ले जाना पड़ा।
मकबूल का कहना है, ‘इस डॉक्टर ने बच्चे को अपने यहां भर्ती कर लिया। रात 9 बजे से 3 बजे तक बोतल चढ़ाता रहा और इंजेक्शन लगाता रहा। बच्चा बेहोश हो गया और उसकी नाक से खून और मुंह से झाग निकलने लगा। हम घबरा गए और उसे प्रयागराज ले जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन बचा नहीं पाए।
-दोनों झोलाझाप फरार
सोहागी थाना प्रभारी जानकी प्रसाद ने बताया कि परिजन की शिकायत पर जांच की जा रही है। जांच में जो कुछ भी निकलकर सामने आएगा, उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दोनों झोलाछाप डॉक्टर फरार हैं।