नईदिल्ली
सीआरपीएफ की 205 कोबरा बटालियन के जवान एसआई रोशन कुमार 2019 में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. इस वर्ष उनकी इकलौती बहन की शादी परिजनों ने तय की थी. इसकी सूचना परिजन ने कोबरा बटालियन के अधिकारियों और जवानों को भी दी. जिसके बाद शादी के दिन कोबरा बटालियन के जवानों ने पहुंचकर न सिर्फ भाई का फर्ज निभाया बल्कि आर्थिक मदद भी की.
सीआरपीएफ जवानों की दरियादिली गांव वालों के बीच बनी चर्चा का विषय
शादी के दिन जिस तरह से गांव में सीआरपीएफ के जवान पहुंचे और भाई का फर्ज निभाया, उसे देखकर गांव वालों को भी विश्वास नहीं हो रहा था. वहीं, शादी में पहुंचे जवानों को देखकर शहीद के परिजन भी भावुक हो गए.
शादी में पहुंचे कोबरा बटालियन के अधिकारी ने कहा कि जवानों का फर्ज देश सेवा का होता है. रोशन अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए थे. इकलौती बहन की शादी में परिजनों को मलाल न हो इसलिए बटालियन के जवानों ने शादी में पहुंचकर भाई का फर्ज निभाया. इस दौरान शादी में मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं.
शादी की वीडियो जवानों ने खुद किया पोस्ट
शहीद जवान की बहन की शादी की फोटो और वीडियो जवानों ने खुद अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है. शेयर किए एक वीडियो में शहीद जवान की बहन जयमाल के लिए जा रही है और कोबरा बटालियन के जवान दोनों तरफ से खड़े होकर स्टेज पर लेकर जा रहे हैं. जबकि कुछ जवान शादी की व्यवस्थाओं को भी देख रहे हैं.
2 साल पहले शहीद हुए थे रोशन कुमार
सीआरपीएफ की 205 कोबरा बटालियन में अपनी पोस्टिंग के दौरान एसआई रोशन कुमार शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक 13 फरवरी 2019 को असुरैन, थाना – लुटुवा, जिला- गया, बिहार में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी. मुठभेड़ में रोशन कुमार अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए.
205 कोबरा बटालियन सीआरपीएफ के वीर उपनिरीक्षक रोशन कुमार ने 13 फरवरी 2019 को महज 25 वर्ष की आयु में छकरबंधा, गया बिहार के घनघोर जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेते हुए कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर पूरे राष्ट्र को कृतज्ञ किया था। दिनांक 11 जुलाई 2024 को उनकी एक मात्र बहन मनीषा का विवाह उनके गृहनगर ग्राम- गरसंदा, जिला- लक्खीसराय में संपन्न हुआ, जिसमे नरेश पँवार कमांडेंट-205 बटालियन, के दिशा-निर्देशन में 205 कोबरा के अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों ने एवं जवानों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दिखाते हुए बहन मनीषा को अपने भाई की कमी महसूस नहीं होने दी एवं बहन को उपहार स्वरूप क्लासिक बुलेट एवं सहयोग राशि भेंट की।
205 कोबरा का एक प्रतिनिधि मण्डल 11 जुलाई 2024 को शहीद रोशन के गृहनगर ग्राम- गरसंदा, जिला-लक्खीसराय, कोबरा की वर्दी में पहुँचा एवं जांबाज कमांडोज ने बहन मनीषा की शादी में उन सभी रस्मों को निभाया जिन्हे आज अगर शहीद रोशन कुमार जिन्दा होते तो निभाते। यह देख कर समारोह मे उपस्थित हर व्यक्ति की आंखे नम हो गई कमांडोज ने बहन मनीषा को कई सारे तोहफे दिए एवं फूलों की चादर की छाँव तले मंडप तक लेकर गए।
शहीद रोशन कुमार के पिता ने बताया की मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। परंतु कोबरा कमांडोज के रूप मे आज मुझे कई बेटे मिल गए है जो हर दुख एवं सुख मे मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते है। बहन को डोली में चढ़ते देखना और उसके लिए मंडप सजना एक भाई का ख्वाब होता है। एक बहन भी आखिरी बार जब अपने कमरे की चौखट लांध कर किसी और की होने के लिए फेरे लेने जा रही होती है उसे अपने भाई का भी साथ मिलता है। भाई जब मंडप पकड़ कर चलते हैं तो उसमें चलती दुल्हन बनी बहन खुद को खुश नसीब मानती है।