National sc verdict on delhi cm arvind kejriwal plea challenging arrest by ed in alleged excise policy scam: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को धनशोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने दिल्ली हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। अहम बात यह है कि केजरीवाल को यह राहत ईडी से जुड़े मामले में दी गई है और फिलहाल वे सीबीआई की हिरासत में हैं। ऐसे में उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। इससे पहले पीठ ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
दरअसल, ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है।
कोर्ट ने ईडी की ओर से दायर आबकारी नीति मामले में अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हम धारा 19 के प्रश्न पर विचार कर रहे हैं। हमने धारा 19 और 45 के बीच अंतर साफ कर दिया है। धारा 19 जांच अधिकारी की व्यक्तिपरक राय है। धारा 45 न्यायालय की ओर से किया गया प्रयोग है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि न्यायालय की शक्ति अधिकारी की शक्ति से अलग होती है। हमने गिरफ्तारी की आवश्यकता, अनिवार्यता को आधार बनाया है। विशेष रूप से आनुपातिकता के सिद्धांत के मद्देनजर, जिसे हमने बड़ी पीठ के पास भेजा है। तो गिरफ्तारी की नीति क्या है, इसका आधार क्या है, हमने संदर्भित किया है।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि क्या गिरफ्तारी की आवश्यकता, अनिवार्यता गिरफ्तारी के औपचारिक मापदंडों की संतुष्टि को संदर्भित करती है। हमने माना है कि केवल पूछताछ से गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिलती। अरविंद केजरीवाल ने 90 दिनों की कैद झेली है। हम निर्देश देते हैं कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। हमें पता है कि वह एक निर्वाचित नेता हैं। हम स्पष्ट नहीं हैं कि क्या हम एक निर्वाचित नेता को पद छोड़ने और सीएम के रूप में काम न करने का निर्देश दे सकते हैं। हम इसे उन पर छोड़ते हैं।
जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमने चुनाव फंडिंग के बारे में एक प्रश्न भी उठाया है। हाल ही में संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था। एक तरह से यह मामला भी चुनावों में फंडिंग से जुड़ा हुआ है। जिसकी गहराई से जांच की गई।
किस मामले में आया फैसला?
- शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को धनशोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।
- आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने दिल्ली हाईकोर्ट के नौ अप्रैल के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
हाईकोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और जांच में उनके शामिल होने से बार-बार इनकार करने के बाद ईडी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
यहां जानिए पूरा घटनाक्रम
मुख्यमंत्री को ईडी ने धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें एक निचली अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर मामले में 20 जून को जमानत दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले दिन दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। ईडी ने दलील दी थी कि केजरीवाल को जमानत देने का निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत था। केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था।