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National: हाथरस हादसा, कौन है एक लाख का इनामी मुख्य आरोपी मधुकर..! पढ़ें संविदा पर तकनीकी सहायक से सेवादार बनने तक का सफर

National uttar pradesh etah story of prime accused in hathras incident madhukar he rose from contract technical assistant to chief sevadar: digi desk/BHN/हाथरस/ यूपी के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलगढ़ी गांव में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो हई। इसका जिम्मेदार मानते हुए मुख्य सेवादार और आयोजक देवप्रकाश मधुकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। वह मूल रूप से एटा का रहने वाला है। यहां मनरेगा में संविदा पर तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है। हादसे के बाद घर पर ताला लटका हुआ है। वह फरार है। बृहस्पतिवार को मनरेगा में उसको सभी दायित्वों से हटा दिया गया। संविदा समाप्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में संविदा पर कार्यरत देवप्रकाश मधुकर ब्लॉक शीतलपुर में तैनात है। मूल रूप से ब्लॉक अवागढ़ की ग्राम पंचायत सलेमपुर गादुरी के मजरा सलेमपुर का रहने वाला है। यह 11 गांव में तकनीकी सहायक का कार्य देखता है। मनरेगा की ओर से कराए जाने वाले विकास कार्यों की तकनीकी जांच के बाद बिल बाउचर बनाना मुख्य कार्य था। अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2008 में मनरेगा योजना चलाई गई थी, तभी से कार्य करता आ रहा है। शहर में ही किराए के मकान में रहता है।

हाथरस में सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत का मुख्य आरोपी बनाकर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। एफआईआर में उसका पता सिकंदराराऊ का दर्ज किया गया है। उसने वहां एक मकान बना रखा था और परिवार सहित वहीं रह रहा था। एटा का कनेक्शन सामने आने के बाद विभाग की ओर से उसे कार्य क्षेत्र से हटाकर जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है। बृहस्पतिवार को अवागढ़ थाना पुलिस भी गांव में पहुंची। उसके घर पर ताला लटका मिला।

उपायुक्त स्वरोजगार (डीसी मनरेगा) प्रभू दयाल ने बताया कि देवप्रकाश मधुकर संविदा कर्मी है और तकनीकी सहायक के पद पर ब्लॉक शीतलपुर में कार्यरत है। हाथरस कांड में मुकदमा दर्ज होने के बाद जानकारी मिलने पर सभी दायित्वों से हटा दिया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्रावली भेजी गई है। आदेश मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

लंबे समय से भोले बाबा से जुड़ा है

ग्राम प्रधान रामवीर सिंह ने बताया कि काफी समय से देवप्रकाश भोले बाबा से जुड़ा हुआ है। गांव व आसपास के क्षेत्रों में भी सत्संग कराता रहा है। धार्मिक प्रवृत्ति का होने के चलते लोग आसानी से जुड़ते गए। उस पर मुकदमा दर्ज हुआ है, इसकी कोई जानकारी हमें नहीं है।

10 वर्ष पहले छोड़ दिया था गांव

हाथरस सत्संग कांड के मुख्य आरोपी देवप्रकाश ने 10 साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। बच्चों सहित सिकंदराराऊ में मकान बनाकर रहने लगा। यहां पर ही सत्संग की गतिविधियों को धार देने में जुट गया। इसके बाद मुख्य सेवादार का दायित्व मिला और लोगों को जोड़ने व सत्संग आयोजन का काम करने लगा था। यहां गांव में उसके माता-पिता अकेले रहते हैं।

ब्लॉक अवागढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत सलेमपुर गादुरी के मजरा सलेमपुर निवासी देवप्रकाश का गांव में पैतृक घर है। यहां पर पिता रामसिंह के साथ मां ब्रह्मादेवी रहती हैं। जबकि बड़ा भाई अखिलेश कुमार कस्बा निधौली कलां स्थित विद्युत निगम में लाइनमैन का काम करता है। इसके बच्चे निधौली कलां कस्बे में ही रहते हैं। 

ऐसे बना मुख्य सेवादार

देवप्रकाश मनरेगा में नौकरी लगने से पहले ही पत्नी रंजना को लेकर करीब 10 वर्ष पूर्व कस्बा सिकंराराऊ चला गया था। जबकि इससे पहले गांव में रहने के दौरान ही भोले बाबा के सत्संग से जुड़ गया था। बाद में सिकंराराऊ में रहकर भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या बढ़ाने के काम में जुट गया। मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद तमाम आयोजनों में सहभागिता निभाता रहा।

ग्राम प्रधान सतीश कुमार ने बताया कि गांव में बुजुर्ग माता-पिता रहते हैं। वह करीब 10 साल पहले ही सिकंराराऊ में मकान बनाकर रहने लगा था। गांव में आना-जाना है। एक माह पहले ही उसने गांव में एक नया मकान भी बनवाया है। खेतीबाड़ी की देख-रेख खुद ही आकर करता था। चर्चा है कि पुलिस ने बड़े भाई को पूछताछ के लिए उठा लिया है और मुख्य आरोपी देव प्रकाश की तलाश की जा रही है।

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