Tuesday , July 2 2024
Breaking News

बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया, स्पेशल स्टेटस नहीं तो विशेष पैकेज दो: नीतीश कुमार

नई दिल्ली
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र के सामने फिर से यह मांग रख दी। बैठक में कहा गया कि बिहार को आर्थिक रूप से विकसित करने के लिए यह विशेष दर्जा मिलना जरूरी हो गया है। हालांकि, नीतीश ने केंद्र के सामने थोड़ा सॉफ्ट खेलते हुए इस बार दो विकल्प रखे हैं। उन्होंने मोदी सरकार से कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन स्पेशल स्टेटस ना मिले तो विशेष पैकेज ही मिल जाए तो भी अच्छा रहेगा। नीतीश ने केंद्र के सामने दो विकल्प क्यों रखें, इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का दौर भी चल रहा है।

जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राज्यसभा सांसद संजय झा को नीतीश ने पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया। संजय झा ऐसे नेता हैं जिनका बैकग्राउंड भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का रहा है। उनकी बीजेपी के कई नेताओं से नजदीकी की चर्चा भी होती रहती है। इस साल इंडिया गठबंधन से जेडीयू की एनडीए में वापसी कराने में झा की अहम भूमिका रही थी। नीतीश ने उन्हें जेडीयू में नंबर दो का नेता बनाकर यह संकेत दिए हैं कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी से कोई तकरार नहीं चाहते हैं। कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद संजय झा ने स्पष्ट भी किया कि जेडीयू एनडीए में बनी रहेगी। दूसरी ओर, विशेष राज्य के दर्जे की मांग जेडीयू लंबे समय से कर रही है। 6 महीने पहले जब नीतीश के नेतृत्व में बिहार के अंदर महागठबंधन की सरकार थी, तब राज्य कैबिनेट ने स्पेशल स्टेटस का प्रस्ताव मंजूर कर केंद्र को भेजा था। हालांकि, बाद में नीतीश महागठबंधन छोड़कर एनडीए में वापस आ गए। अब उनपर फिर से अपनी कैबिनेट से ऐसा ही प्रस्ताव मंजूर कर केंद्र को भेजने का दबाव बन रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को नीतीश से यह मांग भी कर दी।

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को आशंका थी कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बीजेपी और जेडीयू में टकराव की स्थिति बन सकती है। इसे देखते हुए उन्होंने मोदी सरकार के सामने दो विकल्प रख दिए। अगर स्पेशल स्टेटस नहीं देना है तो केंद्र बिहार को विशेष पैकेज ही दे दे। इससे कई मौकों पर विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर चुकी मोदी सरकार के लिए भी आसानी होगी। वहीं, विशेष पैकेज मिलता है तो जेडीयू भी खुलकर कह सकेगी कि उन्होंने केंद्र से अपनी मांग मनवा ली। साथ ही आगामी बिहार चुनाव में बीजेपी और जेडीयू दोनों ही पार्टियां मिलकर जनता को अपनी उपलब्धि बता सकेंगी।

लोकसभा चुनाव के दौरान पिछले महीने पटना आईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि अगर किसी राज्य को विशेष दर्जा देना है तो पहले केंद्रीय वित्त आयोग की रिपोर्ट में इसका सुझाव आना चाहिए। तभी केंद्र सरकार इस बारे में आगे विचार करेगा। अब तक वित्त आयोग की ओर से ऐसा कोई सुझाव नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की गई थी। माना जा रहा है कि आगामी बिहार चुनाव से पहले भी मोदी सरकार ऐसे ही एक बड़े पैकेज की घोषणा कर सकती है।

 

About rishi pandit

Check Also

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपने दो साल पूरे कर लिए, विधानसभा चुनाव की तैयारी की तेज

मुंबई महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने अपने दो साल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *