Sunday , December 22 2024
Breaking News

भारतीय नौसेना ने 17 साल की सेवा के बाद ‘सारस’ हेलीकॉप्टरों को दी अंतिम विदाई

नई दिल्ली
 भारतीय नौसेना ने 17 साल तक समुद्री सुरक्षा और निगरानी करने वाले ‘सारस’ हेलीकॉप्टरों को अंतिम विदाई दे दी है। विशाखापत्तनम के आईएनएस डेगा पर हुए डी-इंडक्शन समारोह के दौरान यूएच-3एच हेलीकॉप्टर ने अंतिम उड़ान भरी। इनकी जगह अब आईएनएएस 350 में सी किंग 42सी हेलीकॉप्टरों को तैनात किया जाएगा। यादगार के रूप में इनमें से एक हेलीकॉप्टर विशाखापत्तनम में प्रमुख स्थान पर स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जाएगा, जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

विशाखापत्तनम के आईएनएस डेगा पर विदाई समारोह में 17 साल की शानदार सेवा के बाद यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को विदाई दी गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल समीर सक्सेना ने की। यूएच-3एच स्क्वाड्रन के अनुभवी अधिकारी और नाविक हेलीकॉप्टर की महान सेवा को याद करते हुए परिवारों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यूएच-3एच हेलीकॉप्टर की जगह अब आईएनएएस 350 में सी किंग 42सी हेलीकॉप्टरों को तैनात किया जाएगा।

यादगार विदाई समारोह के जरिए उस यूएच-3एच हेलीकॉप्टर के उल्लेखनीय युग का अंत हो गया, जिसने भारतीय नौसेना में विशेष संचालन और एसएआर मिशनों में अभिनव क्षमताओं की शुरुआत की। लगातार विकसित और गतिशील समुद्री वातावरण में यूएच-3एच की परिचालन भूमिका भारतीय नौसेना विमानन के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज रहेगी। भारत ने अमेरिका से छह यूएच-3एच हेलीकॉप्टर 2007 में खरीदे थे, जिन्हें नौसेना के जहाज 'जलाश्व' के साथ 24 मार्च, 2009 को विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा पर लाया गया था। भारतीय तटों पर लाए जाने के बाद इन्हें 'सारस' नाम से आईएनएएस 350 में शामिल किया गया था।

इस बहुमुखी हेलीकॉप्टर ने मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन, अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और विशेष अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शक्तिशाली ‘सारस’ हेलीकॉप्टर ने अपनी प्रतिबद्धता को पूरी लगन से निभाया, सतर्क निगरानी बनाए रखी और अटूट समर्पण के साथ हमारे देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की। इसीलिए यादगार के रूप में एक ‘सारस’ हेलीकॉप्टर को सिटी ऑफ डेस्टिनी (विशाखापत्तनम) में प्रमुख स्थान पर स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जाएगा, जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

 

 

About rishi pandit

Check Also

भाजपा ने पश्चिम बंगाल के अस्पतालों से की मांग, बांग्लादेशियों का न करो इलाज, देश पहले आता है

कोलकाता बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। एक के बाद एक हिंदू मंदिरों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *