जालौर-सिरोही.
जिले के नवनिर्वाचित सांसद लुंबाराम चौधरी ने कल वाप्कोस कंपनी के सीएमडी आर.के. अग्रवाल से मुलाकात कर माही एवं कडाणा बांध की इंस्पेक्शन एवं फीजिबिलिटी के संबंध में रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि खंडीय कार्यालय द्वारा कई बार इस विषय में पत्र लिखने के बाद भी अब तक कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाई गई थी।
इस मामले में जल संसाधन खंड जालौर के अधिशाषी अभियंता से मिली जानकारी के बाद सांसद लुंबाराम चौधरी ने वाप्कोस कंपनी के सीएमडी से मुलाकात कर माही एवं कडाणा बांध की इंस्पेक्शन एवं फीजिबिलिटी के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इस दौरान उनका कहना था कि कई बार खंडीय कार्यालय द्वारा पत्र लिखने के बाद भी आज तक कोई भी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करवाई गई थी। भाजपा संभाग सह मीडिया प्रभारी चिराग रावल ने बताया कि सांसद चौधरी ने बांध की इंस्पेक्शन रिपोर्ट और फीजिबिलिटी रिपोर्ट में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई। चौधरी ने बताया कि खोसला कमेटी की रिपोर्ट 1 सितंबर 1965 के अनुसार गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर कडाणा बांध बनाना प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 1 अक्टूबर 1966 को राजस्थान एवं गुजरात राज्य के बीच माही जल बंटवारा समझौता के तहत कडाणा बांध का निर्माण हुआ, जिसमें पैरा सं0-1 में वर्णित है जब गुजरात में (खेड़ा जिला) नर्मदा से सिंचित होगा, तब कडाणा बांध के पानी का 2/3 भाग राजस्थान का तथा 1/3 भाग गुजरात का होगा। यह पानी हाई लेवल नहर के माध्यम से जालौर-सिरोही को दिया जाएगा। जालौर-सिरोही को माही एवं कडाणा बांध का पानी उपलब्ध कराने के लिए व्यवहार साध्य रिपोर्ट जल्द से जल्द राजस्थान सरकार को भिजवाए। वाप्कोस के सीएमडी आर.के. अग्रवाल ने एक हफ्ते में रिपोर्ट भिजवाने का भरोसा दिलाया।