Sunday , December 22 2024
Breaking News

फैसलाबाद में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का एक और मामला सामने आया, गुरुद्वारा बनाने को लेकर PAK में बवाल

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के फैसलाबाद में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का एक और मामला सामने आया है। दरअसल पाकिस्तान के पंजाब की सरकार ने फैसलाबाद में गुरुद्वारा बनाने की इजाजत थी, मगर वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों सरकार को ऐसा नहीं करने दे रहे हैं। साथ ही हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखा रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्थानीय मुस्लिम समुदाय को 76 साल से बंद पड़े एक गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण का विरोध करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो में अमीन बट नाम का प्रदर्शनकारी भी शामिल है जो फैसलाबाद का उप मेयर है। अमीन बट गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण को बाधित करने की धमकी देते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में उसे सिख और हिंदू समुदाय के खिलाफ बोलते हुए सुना जा सकता है।

वायरल वीडियो में बट ने कहा, "सिख मुसलमानों के बलात्कारी और हत्यारे हैं। हम फैसलाबाद में किसी भी सिख गुरुद्वारे की अनुमति नहीं देंगे। अगर सिख इसे बनाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें अल्लाह के लड़ाकों का सामना करना पड़ेगा।" बता दें कि इस तरह की घटना पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी भेदभाव और असहिष्णुता को उजागर करती है। पाकिस्तान के हिंदू, सिख, और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को भेदभावपूर्ण कानूनों, सामाजिक बहिष्कार और धार्मिक उग्रवाद से उत्पन्न हिंसा जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

सिख समुदाय ने पाकिस्तान में लंबे समय से हिंसा और भेदभाव का सामना किया है। गुरुद्वारों की तोड़फोड़, सिख व्यक्तियों पर शारीरिक हमले और धमकियों जैसी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। इसके अलावा, गुरुद्वारा संपत्तियों के अवैध कब्जे और संपत्ति विवाद से संबंधित कई चुनौतियों का भी सामना सिख समुदाय को करना पड़ता है। ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक व्यवस्थित भेदभाव और हिंसा का सामना करते हैं। पाकिस्तान में के ईशनिंदा कानूनों का अक्सर दुरुपयोग किया जाता है, जिससे धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है और उन्हें उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ता है।

फैसलाबाद की इस घटना को एक पाकिस्तान के अल्पसंख्यों के लिए व्यापक समस्या का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें धार्मिक असहिष्णुता और भेदभाव शामिल है। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय समुदायों ने पाकिस्तान से इन मुद्दों को सुलझाने और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुसार धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया है।

फैसलाबाद में गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, यह महत्वपूर्ण है कि स्थानीय और राष्ट्रीय अधिकारी सिख समुदाय की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करें। उन्हें सभी अल्पसंख्यकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को अभी भी सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता है। ऐसे में, सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को मिलकर इन समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

 

About rishi pandit

Check Also

पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकी हमला, 16 जवानों की मौत, आठ घायल

पेशावर पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने एक सुरक्षा चौकी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *