Sunday , September 29 2024
Breaking News

अमेरिका ने अपनी जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों को भारत में बनाने की पेशकश की

नई दिल्ली

अमेरिका ने अपनी प्रसिद्ध जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों को भारत में बनाने की पेशकश की है. भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों देश साथ मिलकर इस अत्याधुनिक मिसाइल का भारत में उत्पादन करने पर विचार कर रहे हैं. शीर्ष रक्षा सूत्रों ने आजतक को बताया कि दोनों पक्षों के बीच हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी.

अमेरिका की पेशकश के मुताबिक वह किसी भारतीय पार्टनर के साथ भारत में मिसाइलों और उसके लॉन्चरों के को-प्रोडक्शन के लिए तैयार है. जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल के भारत में उत्पादन को लेकर अमेरिका और भारत के बीच डील फाइनल होने के बाद ही जॉइंट वेंचर के पार्टनर को लेकर निर्णय होगा. भारतीय सेना कंधे पर रखकर दागी जाने वाली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की अपनी आवश्यकताओं का पूरा करने के लिए काम कर रही है, लेकिन पिछले एक दशक से उसके प्रयासों को सफलता नहीं मिल पाई है.

कंधे से फायर की जाती है जेवलिन मिसाइल

गत कुछ वर्षों में चीन के साथ सीमा पर संघर्ष बढ़ने के दौरान भारत ने आपातकालीन स्थिति में इजरायल से स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की खरीद की थी. स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल डेवलप करने की प्रक्रिया भी चल रही है और डीआरडीओ अपने इंडस्ट्रियल पार्टनर्स के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है. उनके द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक परीक्षण भी किये गये हैं. भारतीय सेना कंधे से फायर करने वाली एटीजीएम (एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल) चाहती है जिसे सैनिक पहाड़ी इलाकों में आसानी से ले जा सकें.

बता दें कि अमेरिका और भारत सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन सहित रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस क्षेत्र में ज्यादा सफलता नहीं मिली है. जेवलिन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सह-उत्पादन को लेकर चल रही चर्चा सफल रहती है तो यह दोनों देशों की रक्षा साझेदारी में एक बड़ी उपलब्धि होगी. बता दें कि जेवलिन मिसाइल किसी भी बख्तरबंद वाहन को नष्ट कर सकती है.

जानिए एंटी-टैंक मिसाइल Javelin की ताकत

जेवलिन मिसाइल अपने टारगेट पर अचूक निशाना साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है. इसकी लंबाई 108.1 सेमी होती है. मिसाइल लॉन्चर का वजन मिसाइल सहित 22.3 किग्रा होता है, जो डे/नाइट विजन साइट से लैस होता है. जेवलिन मिसाइल का 2500 मीटर तक सटीक निशाना साध सकती है. इस मिसाइल को टैंकों के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है. इसका इस्तेमाल छोटे भवनों और बंकरों को नष्ट करने के लिए भी किया जाता है.

फायर एंड फॉरगेट हथियार के नाम से पहचान

जेवलिन मिसाइल को 'फायर एंड फॉरगेट' हथियार के नाम से जाना जाता है. इसे फायर करने से पहले टारगेट को लॉक कर दिया जाता है. ट्रिगर दबाने के बाद मिसाइल सेल्फ-गाइडेड मोड में पहले से सेट टारगेट को पलक झपकते ही तबाह कर देती है. अमेरिकी सेना 1996 से ही जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है. साइज में छोटा और कम वजनी होने के कारण इसे कंधे पर रखकर दागा जा सकता है और कठिन भौगोलिक परिस्थियों में भी जेवलिन मिसाइल आसानी से इस्तेमाल की जा सकती है.

 

About rishi pandit

Check Also

इजरायल के नेतन्याहू ने यूएन में दिखाए वरदान और श्राप के नक्शे, क्या है इनकी कहानी, भारत से क्या संबंध

इजरायल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन महासभा में जोरदार तरीके से अपनी बात …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *