- RLV LEX-03 दाे बार कर चुका है सफल लैंडिंग
- चिनूक हेलीकॉप्टर से ‘पुष्पक’ को छोड़ा गया था
- एडवांस टेक्नोलॉजी से लेस है ISRO का ‘पुष्पक
National isro miracle reusable launch vehicle pushpak made successful landing again will get low cost access to space: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने रविवार को रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV LEX-03) ‘पुष्पक’ की लगातार तीसरी बार सफल लैंडिंग करवाई। अंतरिक्ष मिशन के लिहाज से यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। अब ‘पुष्पक’ का ऑर्बिटल री-एंट्री टेस्ट करवाया जाएगा।
यह लैंडिंग कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज में सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर की गई। RLV LEX-03 ने अधिक चुनौतीपूर्ण और अधिक गंभीर हवा की स्थिति में लैंडिंग की। ‘पुष्पक’ को वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई पर छोड़ा गया था, जिसके बाद ‘पुष्पक’ रनवे के पास पहुंचा और रनवे सेंट्रल लाइन पर एक सटीक लैंडिंग की।
ये टेक्नोलॉजी का किया गया उपयोग
RLV-LEX 3 आधुनिक टेक्नोलॉजी से लेस है। इसरो के अनुसार इसमें इनर्शियल सेंसर, रडार अल्टीमीटर, फ्लश एयर डाटा सिस्टम, स्यूडो लाइट सिस्टम और NavIC जैसे सेंसर सहित मल्टीसेंसर फ्यूजन का उपयोग किया गया है।
मिलेंगे ये फायदे
- रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के जरिए इसरो के स्पेस में ट्रैवल खर्च कमी आएगी। यानी यह स्पेस में इसरों को लो कॉस्ट एक्सेस उपलब्ध करवाएगा।
- सैटेलाइट से प्रोजेक्ट लॉन्चिंग के लिए इसे दोबारा उपयोग किया जा सकेगा।
- पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे किसी सैटेलाइट में खराबी आने पर उसे रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के जरिए रिपेयर किया जाएगा।