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Mahashivratri: राशि के अनुसार करें महाशिवरात्रि पर आराधना, मिलेगा शुभ फल

Mahashivratri 2021:digi desk/BHN/ महाशिवरात्रि हिंदूओं का एक पवित्र पर्व है। इस दिन भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तारीख को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल यह 11 मार्च (गुरुवार) को है। मान्यता है कि भोलेनाथ अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भक्तों की श्रद्धा अनुसार उन्हें फल देते हैं। ज्योतिषविदों के अनुसार महादेव की पूजा-अर्चना करना बेहद आसान है। जिससे करने से जीवन में सुख-शांति मिलती है और लोगों की किस्मत जाग जाती है।

महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

  • – महाशिवरात्रि तिथि: 11 मार्च 2021 (गुरुवार)
  • – चतुर्थी तिथि आरंभ: 11 मार्च 2021 को दोपहर 2:39 से
  • – चतुर्थी तिथि समाप्त: 12 मार्च 2021 दोपहर 3:02 मिनट तक
  • – शिवरात्रि पारण समय: 12 मार्च सुबह 6:34 से शाम 3:02 मिनट तक

जानिये महाशिवरात्रि के दिन अपनी राशि के अनुसार कैसे करना है आराधना

मेष राशि- जिन लोगों की राशि मेष है और वो गुलाल से शिवजी की पूजा करें साथ में शिवरात्रि के दिन ॐ ममलेश्वाराय नमः मंत्र का जाप करें।

वृषभ राशि- इस राशि के लोग दूध से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ नागेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।

मिथुन- इस राशि के जातक गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ भुतेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।

कर्क- इस राशि के लोग पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें और महादेव के द्वादश नाम का स्मरण करें।

सिंह- और इस राशि के लोग शहद से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

कन्या- इस राशि के लोग शुद्ध जल से शिवजी का अभिषेक करें और शिव चालीसा का पाठ करें।

तुला:- इस राशि के लोग दही से शिवजी का अभिषेक करें और शांति से शिवाष्टक का पाठ करें

वृश्चिक- इस राशि के लोग दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ अन्गारेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।

धनु- इस राशि के लोग दूध से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ समेश्वरायनमः मंत्र का जाप करें।

मकर- इस राशि के जातक अनार से शिवजी का अभिषेक करें और शिव सहस्त्रनाम का उच्चारण करें।

कुम्भ- इस राशि के लोग दूध, दही, शक्कर, घी, शहद सभी से अलग अलग शिवजी का अभिषेक करें और ॐ शिवाय नमः मंत्र का जाप करें।

मीन- इस राशि के लोग ऋतुफल(जो मौसम का ख़ास फल हों) से शिवजी का अभिषेक करें और ॐ भामेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।

तिथि, पूजा का समय और अन्य महत्वपूर्ण बातें

महा शिवरात्रि पर भगवान शिव के भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और निशिता काल (मध्यरात्रि) के दौरान पूजा करते हैं। इस प्रकार, वे महादेव को शगुन देते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। चतुर्दशी तिथि (चौदहवें दिन), चंद्र पखवाड़े के कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के चरण) को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। और फाल्गुन (हिंदू पूर्ण कैलेंडर के अनुसार) के हिंदू महीने में उसी दिन को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, अमावसंत कैलेंडर का पालन करने वाले लोग माघ महीने में त्योहार मनाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि तारीख समान है, लेकिन महीने के नाम अलग हैं। भगवान शिव के भक्त दिनभर उपवास रखते हैं और निशिता काल (मध्यरात्रि) के दौरान पूजा करते हैं। इस प्रकार, वे महादेव को शगुन देते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

महा शिवरात्रि 2021 तिथि

इस वर्ष महा शिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जाएगी।

महा शिवरात्रि 2021 चतुर्दशी तिथि समय

चतुर्दशी तिथि 11 मार्च को दोपहर 2:39 बजे शुरू होती है और 12 मार्च 2021 को दोपहर 3:02 बजे समाप्त होती है।

महा शिवरात्रि 2021 पूजा समय या पूजा शुभ मुहूर्त

महा शिवरात्रि पर शिव पूजा निशिता काल या मध्यरात्रि के दौरान की जाती है। निशिता काल पूजा का समय 12 मार्च को सुबह 12:06 बजे से 12:55 बजे के बीच है। हालाँकि, एक भक्त निशिता काल या किसी भी / सभी चार प्रहर (समय की एक इकाई) के दौरान शिव पूजा कर सकता है।

महाशिवरात्रि पूजा के लिए प्रहर का समय इस प्रकार है

प्रहर 1

6:27 PM से 09:29 PM (11 मार्च)

प्रहर 2

9:29 PM (11 मार्च) से 12:31 AM (12 मार्च)

प्रहर 3

12:31 AM से 3:32 AM (12 मार्च)

प्रहर 4

3:32 AM से 6:34 AM (12 मार्च)

महा शिवरात्रि का महत्व

एक पौराणिक कथा के अनुसार, महा शिवरात्रि तब थी जब पहली बार भगवान शिव का लिंग रूप प्रकट हुआ था। एक अन्य विश्वास प्रणाली के अनुसार, महा शिवरात्रि वह दिन है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। आध्यात्मिक रूप से, शिव पुरुष (ध्यान) का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि देवी पार्वती प्राकृत (प्रकृति) का प्रतीक हैं। ये दो मूलभूत इकाइयाँ हैं जो ब्रह्मांड बनाती हैं

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