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National: ईंधन की बढ़ी कीमतों के खिलाफ कर्नाटक में प्रदर्शन, विरोध के दौरान वरिष्ठ नेता की गई जान

National bjp leader bhanuprakash dies during protest against hike in petrol and diesel prices: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भारतीय जनता पार्टी के नेता एमबी भानुप्रकाश की कर्नाटक में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। बताया गया है कि भानुप्रकाश पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। इस दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके भानुप्रकाश विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। इसके बाद अपनी कार में बैठते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह गिर गए। भाजपा नेता को अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

ईंधन की बढ़ती कीमतों पर भाजपा ने सीएम सिद्धारमैया पर साधा निशाना
उधर ईंधन की बढ़ती कीमतों पर कर्नाटक को भाजपा नेता सीटी रवि ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना। उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री दोहरे चरित्र वाले हैं? भाजपा ने कहा ‘मुख्यमंत्री बनने से पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि सरकार ईंधन की कीमतों को दस रुपये कम करेगी। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद ईंधन की कीमतों में दो बार बढ़ोतरी हुई है। अगर सरकार के खजाने में पैसा है तो जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, स्टांप ड्यूटी शुल्क, आबकारी शुल्क और बिजली के दामों में बढ़ोतरी क्यों की गई?’

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने क्या कहा?
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि भारत एकमात्र देश है जहां प्रतिनिधि अवधि (Representative Period) में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 2 प्रतिशत की कमी आई। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान डीजल की कीमतें बढ़ने के बजाय कम हुईं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में दो बार पेट्रोल और डीजल पर केंद्र द्वारा लगाए गए उत्पाद शुल्क को कम किया। इस वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी देखने को मिली। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा शासित राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम किया। वैट के आंकड़ों पर ध्यान देने से यह बात स्पष्ट हो जाती है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आगे बताया कि ईटानगर और चेन्नई के बीच पेट्रोल की कीमतों में 9.90 रुपये का अंतर है। इसी तरह लखनऊ और तेलंगाना के बीच 12.76 रुपये, गांधीनगर और बंगलूरू के बीच 8.21 रुपये, पणजी और केरल के बीच 12.35 रुपये, गुवाहाटी और कोलकाता के बीच 6.80 रुपये का अंतर है। उन्होंने आगे कहा कि 2004 और 2014 के बीच कांग्रेस ने पेट्रोल बांड पेश किया था। कांग्रेस ने 1.41 लाख करोड़ के बांड खर्च किए। इस वजह आज केंद्र सरकार को 3.20 लाख करोड़ रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।

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