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MP: प्रदेश में मदरसों के बाद मिशनरी आश्रमों व एनजीओ के स्कूलों पर राष्ट्रीय बाल आयोग की निगाह

  1. शिक्षा की आड़ में मतांतरण की आशंका गहराई
  2. 1505 मदरसों में पाए गए हैं 9427 हिंदू बच्चे
  3. मुरैना में सर्वाधिक 2068 बच्चे ले रहे इस्लामी तालीम

Madhya pradesh bhopal after madrasas in madhya pradesh the national child commission is keeping an eye on missionary ashrams and ngo schools: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में इस्लाम की तालीम ले रहे हिंदू बच्चों की जानकारी सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त हो गया है। अब मदरसों के साथ ही मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी जुटाई जा रही है। आयोग की टीम ऐसे मिशनरी आश्रमों पर नजर रखेगी, जिनकी शिकायतें आयोग को प्राप्त हुई या जो संदेह के दायरे में हैं।

आयोग को आशंका है कि शिक्षा की आड़ में इन मिशनरी आश्रमों में बच्चों का मतांतरण तो नहीं किया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने राज्य सरकार से ऐसे मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी मांगी है। मध्य प्रदेश में 56 आश्रम और 30 स्कूल संचालित हैं, जिनकी अब पड़ताल की जाएगी।

आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मुरैना के 68 मदरसों में 2068 हिंदू बच्चे, भिंड के 78 मदरसों में 1812 और रीवा के 111 मदरसों में 1426 हिंदू बच्चे इस्लाम की तालीम ले रहे हैं। प्रदेश भर में 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे पाए गए हैं।

इनका कहना है

हम यह तो नहीं कहते कि मप्र में मदरसों या मिशनरी आश्रमों में मतांतरण का कार्य किया जाता है, क्योंकि इसके प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं पर इस आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है, इसलिए प्रदेश सरकार से गंभीरता से जांच कराने पर लगातार जोर दे रहे हैं।

प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

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