Sunday , June 30 2024
Breaking News

मोहन भागवत ने चुनाव के दौरान होने वाली बयानबाजी को लेकर बड़ी बात कही, बोले- मर्यादा जरूरी

नागपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने चुनाव के दौरान होने वाली बयानबाजी को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों ने मर्यादा नहीं रखी। नागपुर में हुए आरएसएस के कार्यक्र में उन्होंने कहा, असली जनसेवक वही है जो अहंकार नहीं दिखाता और सार्वजनिक जीवन में काम करते हुए भी मर्यादा बनाए रखता है। उन्होंने कहा, चुनाव संपन्न हो गए, परिणाम और सरकार भी बन गई लेकिन उसकी चर्चा अभी तक चल रही है। जो हुआ वह क्यों हुआ।

उन्होंने कहा, यह अपने प्रजातांत्रिक देश में पांच वर्ष में होने वाली घटना है जो कि होती है। देश के  संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण है। लेकिन हम यही चर्चा करते रहें इतना महत्वपूर्ण नहीं है। समाज ने अपना मत दे दिया और उसके अनुसार अब काम हो रहा है। संघ के लोग इसमें नहीं पड़ते। हम अपना कर्तव्य करते रहते हैं।

संघ प्रमुख ने कहा, जो वास्तविक सेवक है उसकी एक मर्यादा रहती है। काम करते सब लोग हैं लेकिन कार्य करते समय वह मर्यादा का पालन भी करता है। जैसा तथागत ने भी बताया है कि कुशलस्य उपसंपदा। शरीर को भूखा नहीं रखना है लेकिन कौशल पूर्वक जीविका कमानी है। इससे दूसरों को धक्का नहीं लगना चाहिए। यह मर्यादा निहित है। इसी तरह की मर्यादा के साथ हम लोग काम करते हैं। काम करने वाला मर्यादा का ध्यान रखता है। जो मर्यादा का पालन करता है उसमें अहंकार नहीं आता और  वही सेवक कहलाने का अधिकारी है।

भागवत ने कहा कि चुनाव में स्पर्धा रहती है इसलिए किसी को पीछा रहने का काम होता है। लेकिन इसमें भी मर्यादा है। असत्य का उपयोग नहीं करना चाहिए। संसद में बैठकर सहमित बनाकर चलाने के लिए चुनाव होते हैं। चित्त अलग-अलग होने के बाद भी साथ ही चलना है। सबका चित्त एक जैसा नहीं हो सकता इसलिए बहुमत का प्रयोग किया जाता है। सिक्के के दोनों पहलू होते हैं इसीलिए संसद में सत्ता और प्रतिपक्ष की व्यवस्था है।

भागवत ने कहा, प्रचार के दौरान मर्यादा का ध्यान नहीं रखा गया। यह भी नहीं सोचा गया कि इससे समाज में मनमुटाव पैदा हो सकता है। बिना कारण संघ को भी इसमें खींचा गया। तकनीक का सहारा लेकर असत्य बातों को प्रसारित किया गया। क्या विद्या और विज्ञान का यही उपयोग है। ऐसे देश कैसे चलेगा। मैं विरोधी पक्ष नहीं प्रतिपक्ष कहता हूं। उसे विरोधी नहीं मानता।उसका भी विचार होना चाहिए। चुनाव लड़ने में मर्यादा का पालन नहीं हुआ।

भागवत ने कहा, सरकार बन गई। वही सरकार फिर से आ गई। 10 सालों में बहुत कुछ अच्छा हुआ। हमारे देश में आर्थिक स्थिति अच्छी हुई। सामरिक स्थिति पहले से अधिक अच्छी है। दुनियाभर में प्रतिष्ठा बढ़ी है। कला और खेल के क्षेत्र  में हम सब लोग आगे बढ़े हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि हम चुनौतियों सो मुक्त हो गए हैं। अभी आवेश से मुक्त होकर आगे वाली बातों का विचार करना है।

मणिपुर पर भी बोले मोहन भागवत
मणिपुर को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि देश में शांति की जरूरत है। एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। उससे पहले 10 साल एकदम शांत रहा। लेकिन फिर ऐसा लगा कि पुराना जन कल्चर समाप्त हो गया। अचानक वहां उपजी या उपजाई गई कलह अब तक चल रही है। उसका ध्यान कौन देगा। प्राथमिकता देकर उसपर विचार करना चाहिए।

About rishi pandit

Check Also

आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल की रिहाई की मांग को लेकर BJP मुख्यालय के निकट प्रदर्शन किया

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *