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Cabinet Portfolio: PM मोदी ने राजनाथ, शाह व गडकरी का मंत्रालय किया रिपीट, शिवराज बने कृषि मंत्री

National cabinet portfolio announcement live updates pm modi repeats the ministry of rajnath shah and gadkari shivraj becomes agriculture minister: digi desk/BHN/इंदौर/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारे कर दिया है। अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण व एस जयशंकर के मंत्रालय को रिपीट किया गया है। शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्री बनाया गया है।

पीएम मोदी की कैबिनेट में दूसरे स्थान रखने वाले राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय, अमित शाह को गृह मंत्रालय, निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय, एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय व शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्रालय दिया गया है।

पीएम मोदी की कैबिनेट में 71 मंत्री, इन्हें मिलती हैं कौन सी सुविधाएं और कितना होता है वेतन?

संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद के वेतन एवं भत्ते मंत्री वेतन एवं भत्ते अधिनियम, 1952 द्वारा निर्धारित होते हैं। मंत्री को सत्कार भत्ता, निशुल्क आवास, यात्रा भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं आदि मिलती हैं।

 आइये जानते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्रियों को सुविधाएं क्या मिलती हैं? इन्हें वेतन भत्ते क्या मिलते हैं? 

जानते हैं केंद्रीय मंत्रिपरिषद के बारे में
दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 74(1) कहता है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगा, जो अपने कार्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति की सलाह के अनुसार कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है। मंत्रिपरिषद संसद के दोनों सदनों से ली जाती है। आमतौर पर मंत्री बनने के लिए किसी व्यक्ति को संसद के किसी सदन का सदस्य होना चाहिए। हालांकि, संविधान में संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को मंत्री नियुक्त करने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन ऐसा व्यक्ति छह महीने से अधिक समय तक मंत्री नहीं रह सकता, जब तक कि वह संसद के किसी सदन का सदस्य न बन जाए। 

मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते का नियम क्या है?
केंद्रीय मंत्रिपरिषद के वेतन एवं भत्ते मंत्री वेतन एवं भत्ते अधिनियम, 1952 द्वारा निर्धारित होते हैं। मंत्रिपरिषद के वेतन और भत्ते समय-समय पर संसद द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। एक मंत्री को वही वेतन और भत्ते मिलते हैं जो एक संसद सदस्य को मिलते हैं। इसके अलावा, मंत्री को सत्कार भत्ता (उनके पद के अनुसार), निशुल्क आवास, यात्रा भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं आदि भी मिलती हैं।

केंद्रीय मंत्रियों को सुविधाएं क्या मिलती हैं?
हर मंत्री को उनके पूरे कार्यकाल के दौरान मासिक वेतन और रोजाना के लिए भत्ता मिलता है। हर मंत्री को संसद सदस्यों के रूप में निर्वाचन क्षेत्र भत्ता दिया जाता है।

नियम के अनुसार, केंद्रीय मंत्रियों को मुफ्त रिहायाशी निवास भी मुहैया कराया जाता है। हालांकि, कार्यकाल खत्म होने के एक महीने बाद तक भी इस आवास का उपयोग का अधिकार होता है। ऐसे आवास के रखरखाव की जिम्मेदारी मंत्री की नहीं होती है।

मंत्रिपरिषद में शामिल सभी मंत्रियों को अलग-अलग दरों पर हर महीने व्यय भत्ता दिया जाता है। प्रधानमंत्री को तीन हजार रुपये, प्रत्येक अन्य मंत्री को दो हजार रुपये, राज्य मंत्री को एक हजार रुपये और उप मंत्री को छह सौ रुपये हर महीने व्यय भत्ता मिलता है।

मंत्रियों को यात्रा और दैनिक भत्ता
केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाए गए नियम के तहत हर मंत्री को यात्रा और दैनिक भत्ता मिलता है। नियम के अनुसार, मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के लिए यात्रा भत्ता तथा मंत्री और उनके परिवार के सामान के लाने-ले जाने के लिए भी भत्ता दिया जाता है।

जब मंत्री पदभार ग्रहण करने के लिए दिल्ली से बाहर अपने निवास स्थान से दिल्ली की यात्रा करते हैं तब भी उन्हें भत्ता मिलता है। इसके अलावा, मंत्रियों के आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में उनके द्वारा किए गए दौरों के लिए यात्रा और दैनिक भत्ता दिया जाता है। मंत्री अपनी सुविधानुसार समुद्र, भूमि या वायु मार्ग से यात्रा कर सकते हैं।

मंत्री को हर साल भारत में अकेले या पति/पत्नी या बच्चों या साथियों या रिश्तेदारों के साथ यात्रा के लिए किराया मिलता है। नियम के मुताबिक, मंत्री को जो यात्रा भत्ता मिलेगा वह प्रति वर्ष अधिकतम 48 किराए के बराबर ही होगा। कोई भी यात्रा भत्ता नकद या उसके बदले में उपलब्ध कराए गए निशुल्क सरकारी परिवहन में दिया जा सकता है।

मंत्री को चिकित्सा उपचार का खर्च भी मुहैया कराया जाता है। मंत्री और उनके परिवार के लोग सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में निःशुल्क चिकित्सा उपचार करा सकते हैं। इन अस्पतालों में ठहरने की व्यवस्था भी निशुल्क होती है। 

मोटर कार खरीदने के लिए मंत्रियों को अग्रिम राशि भी मिलती है। ऐसा इसलिए कि मंत्री अपने कार्यालय के कर्तव्यों का सुविधाजनक और कुशलतापूर्वक निर्वहन कर सकें।

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