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MP: दमोह में अजीबोगरीब मामला, 40 दिन से सिर कटी लाश के बीच रहने मजबूर परिवार, SP को दिया आवेदन

Madhya pradesh damoh strange case in damoh family forced to among decapitated dead body for 40 days applied to sp to have dead body uprooted: digi desk/BHN/दमोह/ दमोह जिले के बटियागढ़ थाना के गुगरकला गांव में अजीबोगरीब मामला सामने आया हैं। यहां रहने वाले सूरत सिंह लोधी का परिवार पिछले 40 दिन से एक सरकटी लाश के साए में रहने मजबूर है। अब पीड़ित ने एसपी को आवेदन देकर लाश निकलवाने की गुहार लगाई है।

दमोह जिले के बटियागढ़ थाना के गुगरकला गांव में अजीबोगरीब मामला सामने आया हैं। यहां रहने वाले सूरत सिंह लोधी का परिवार पिछले 40 दिन से एक सरकटी लाश के साए में रहने मजबूर है। अब पीड़ित ने एसपी को आवेदन देकर लाश निकलवाने की गुहार लगाई है।

बटियागढ़ थाना के ग्राम गूगराकला निवासी सूरत सिंह के परिवार के लोग अपने आंगन में दफन लाश उखाड़ने का आवेदन लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। मामला 40 दिन पहले गांव में दफन मिली अज्ञात सर कटी लाश का है। गुगरकला गांव निवासी सूरत सिंह ने अपने सगे भाई देव सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना बटियागढ़ में दर्ज कराई थी। इसके एक माह बाद एक खेत में दफन एक लाश मिली और जब गांव के एक युवक को पुलिस ने पकड़ कर पूछताछ की तो उसने देव सिंह की हत्या करना कबूल किया।

आरोपी की निशान देही पर पुलिस ने उसी के खेत से एक सिर कटी लाश खुदाई कर निकलवाई थी। पुलिस का कहना था कि यह देव सिंह की लाश है इसके डीएनए को जांच के लिए भेजा जा रहा है, जबकि परिजन इस लाश को अपने भाई की लाश नहीं मान रहे थे। इसी लाश को 40 दिन पूर्व बटियागढ़ पुलिस द्वारा सूरत सिंह के निवास पर परिसर में दफन करवाया गया था। पुलिस के अनुसार डीएनए जांच रिपोर्ट आने तक बिसरा परिवार की निगरानी में गाड़ा गया था।

डेढ़ माह बीतने के बाद भी नहीं आई रिपोर्ट
गुमशुदा युवक देव सिंह के भाई सूरत सिंह आवेदन लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि घर के आंगन में लाश दफन होने से परिवार के लोग दहशत में हैं। छोटे छोटे बच्चे भी डर के साये में जी रहे हैं। इसके अलावा समाज के लोग हम लोगों को हीनता की दृष्टि से देख रहे हैं। हमारे भाई की मौत एक मजाक बनकर रह गई है। यह भी तय नहीं हो पा रहा है कि हमारे घर के परिसर में दफन लाश किसकी है, इसलिए उन्होंने एसपी को आवेदन देकर अज्ञात लाश उखड़वाने की गुहार लगाई है।

इस तरह होती है प्रक्रिया
किसी भी अज्ञात लाश को पुलिस की निगरानी में शासकीय भूमि अथवा मुक्तिधाम में पुष्टि होने तक दफनाया जाता है। साथ ही उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी पुलिस की ही रहती है, लेकिन यहां पीड़ित के घर के आंगन में ही शव दफनाकर पुलिस ने अपनी जवाबदारी पूरी कर ली और लाश की निगरानी उसी परिवार के माथे मढ़ दी। ऐसे में शव के साथ छेड़छाड़ भी हो सकती है। इस मामले में एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी का कहना है की वह मामले को दिखवाते हैं।

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