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Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी पर होने जा रहा है इन शुभ योगों का निर्माण, पूरी होगी हर मनोकामना

  1. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है
  2. इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है
  3. निर्जला एकादशी तिथि पर 4 शुभ योग बन रहे हैं

Spiritual vrat tyohar nirjala ekadashi 2024 these auspicious yogas are going to be formed on nirjala ekadashi every wish will be fulfilled: digi desk/BHN/इंदौर/ हर तिथि किसी न किसी भगवान को समर्पित मानी जाती है। इसी तरह एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि एकादशी व्रत करने से साधक को मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि का व्रत और विधि पूर्वक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है। इस दिन व्रत करने से साधक को सभी एकादशियों के समान फल प्राप्त होता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक, निर्जला एकादशी तिथि पर 4 शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

निर्जला एकादशी
ज्योतिषियों के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 4.43 बजे होगी। यह 18 जून को सुबह 6.44 बजे समाप्त होगी। 17 जून को गायत्री जयंती पड़ रही है। अगले दिन निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। 19 जून को सुबह 5.23 बजे से 7.28 बजे के बीच व्रत पारण किया जा सकता है।

शिव योग

निर्जला एकादशी पर दुर्लभ शिव योग बन रहा है। यह योग दिन भर रहेगा। रात 9 बजकर 39 मिनट पर शिव योग समाप्त होगा। ज्योतिषी शिव योग को बहुत शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

सिद्ध योग

धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी तिथि पर रात्रि जागरण किया जाए, तो वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी पर शिव योग और उसके बाद फिर सिद्ध योग बनने जा रहा है। यह योग पूरी रात रहने वाला है। इस योग में रात्रि जागरण करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होती है।

शिववास योग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। ये योग शाम 03 बजकर 56 मिनट से बन रहा है। इसकी समाप्ति 19 जून को सुबह 05:23 बजे होगी। इसके अलावा शिववास योग भी बन रहा है। यह योग सुबह 06 बजकर 25 मिनट से बन रहा है।

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