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पदमश्री जोधइया बाई की तबीयत फिर बिगड़ी, जबलपुर रेफर किया गया, MLA शिव ने की आर्थिक मदद

उमरिया
 प्रसिद्ध बैगा चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई की हालत लगातार खराब होती जा रही है। बुधवार को उनके पैरों की सूजन में काफी कमी आ गई थी जिससे लग रहा था कि वे ठीक हो रही हैं लेकिन वे भोजन नहीं कर पा रही हैं जिसकी वजह से उनके शरीर में लगातार कमजोरी आती जा रही है। दुनिया भर में उमरिया जिले को अपनी चित्रकारी से पहचान दिलाने वाली बैगा आदिवासी कलाकार जोधइया बाई के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नगर के लोग भी प्रार्थना कर रहे हैं।
सिविल सर्जन की टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी हुए थी

बुधवार की रात से ही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर केसी सोनी, डॉ बीके प्रजापति, श्रीमती अनामिका शुक्ला, डॉ राजीव लोचन िद्ववेदी, डॉक्टर मुकुल तिवारी उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थे। गुरुवार की सुबह डॉक्टरों की इस टीम ने यह निर्णय लिया कि जोधइया बाई को न्यूरो संबंधी समस्या ज्यादा है और उमरिया में न्यूरोलाॅजिस्ट चिकित्सक उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से उन्हें जबलपुर भेजा जाना उचित रहेगा। डॉक्टर केसी सोनी ने बताया कि इस निर्णय के बाद जोधइया बाई को जबलपुर रेफर किया गया।
विधायक और मंत्री को दी जानकारी

जिला अस्पताल से जोधइया बाई को रेफर करने के बाद इस बात की जानकारी निमिष स्वामी ने विधायक शिवनारायण सिंह को दी, जिन्होंने जोधइया बाई को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बेहतर उपचार कराने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने जोधइया बाई की नातिन को त्वरित सहायता के रूप में तीन हजार रुपये भी भिजवा दिए। निमिष स्वामी के पिता प्रोफेसर एमएन स्वामी ने भी न सिर्फ अपनी तरफ से जोधइया बाई के उपचार के लिए उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की।
राज्य मंत्री एवं कोतमा विधायक को फोन पर दी सूचना

जोधइया बाई की गंभीरत हालत की जानकारी मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री एवं कोतमा विधायक दिलीप जायसवाल को भी फोन पर दी और उनसे निवेदन किया कि जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जोधइया बाई के बेहतर उपचार की व्यवस्था कराने के लिए फोन कर दें। मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन और एडीएम शिव गोविन्द मरकाम को भी इस मामले की जानकारी दे दी गई थी और उन्होंने भी अपने माध्यम से जबलपुर में जोधइया बाई के बेहतर उपचार के लिए संपर्क करने के लिए कहा है।
शरीर हुआ कमजोर

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर केसी सोनी ने बताया कि जोधइया बाई का शरीर बहुत कमजोर हो चुका है और इसकी वजह यह है कि बीमार होने के बाद उनके भोजन पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। जोधइया बाई भोजन के नाम पर बमुश्किल दो-तीन चम्मच से ज्यादा दाल-चावल नहीं खा पा रही हैं। जिला अस्पताल में आवश्यकता के अनुसार उन्हें दवाइयां दी गईं और अब ज्यादा दवाइयां दिया जाना उचित प्रतीत नहीं हो रहा है।
उम्र ज्यादा होने के कारण भी उनका शरीर अब साथ नहीं दे रहा

अब उन्हें न सिर्फ न्योरोलाॅजिस्ट बल्कि नेफ्रोलाॅजिस्ट और कार्डियोलाॅजिस्ट के परामर्श की आवश्यकता है। यह तीनों ही विशेषज्ञ उमरिया जिला अस्पताल में नहीं हैं जिसकी वजह से उन्हें जबलपुर भेजा गया है। न्योरोलाॅजिस्ट बल्कि नेफ्रोलाॅजिस्ट और कार्डियोलाॅजिस्ट के परामर्श से जबलपुर में उनका बेहतर उपचार संभव हो सकेगा।
एसी एंबुलेंस से किया रवाना

जोधइया बाई बैगा को दोपहर एक बजे के आसपास एसी एंबुलेंस से जबलपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया है। उनके साथ उनकी दोनाें बहुएं सकुन बैगा और फगुनी बैगा नातिन दमाद रिंकू बैगा के पति सुशील बैगा जबलपुर गए हैं। जिला अस्पताल का स्टाफ भी एंबुलेंस में साथ गया है ताकि उन्हें रास्ते में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होने पाए।

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