National how sp overpowered bjp in ayodhya these are the reasons for lallu singhs defeat: digi desk/इंदौर। 22 जनवरी के इस एतिहासिक दिन अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। इस दिन अयोध्या की हर गली में यह नारे लग रहे थे कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। इस नारे का यह मतलब निकाला जा रहा था कि 2024 में भी अयोध्या से भाजपा के लल्लू सिंह ही चुनाव जीतेंगे, लेकिन वह सपा के अवधेश प्रसाद से चुनाव हार गए। उनकी इस हार ने देशभर के लोगों को चौंका दिया। उनके चुनाव हारने के कई कारण सामने आए हैं।
भाजपा अयोध्या का लोकसभा चुनाव जीतने को लेकर आत्मविश्वास से भरी हुई थी। उसको लग रहा था कि राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश में भाजपा को लेकर एक माहौल बन गया है। भाजपा के सभी बड़े नेताओं ने राम मंदिर का जिक्र अपनी हर जनसभा में किया था। भाजपा ने लल्लू सिंह को अयोध्या की सीट से उम्मीदवार बनाया था। लालू सिंह भी आश्वत थे कि वह सपा को हराकर तीसरी बार लगातार जीत ही जाएंगे। चुनाव परिणाम आने के बाद अयोध्या में भाजपा की हार ने सभी को चौंका दिया। लल्लू सिंह को अवधेश प्रसाद ने 54 हजार 567 वोटों से हरा दिया।
परिणाम के कुछ कारण हैं…
- लल्लू सिंह 10 साल से सांसद थे। उनके प्रति अयोध्या में एंटी इन्कंबैंसी का माहौल था। उनके काम को लेकर लोग काफी नाराज थे।राम मंदिर बनने के दौरान सौंदर्यीकरण करते समय कई घर और दुकान तोड़े गए थे। लोगों में इस दौरान काफी नाराजगी देखी गई थी।
- लल्लू सिंह अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद अति आत्मविश्वास में थे कि वह जीत ही जाएंगे। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान जनता के साथ सीधा संवाध स्थापित नहीं किया।
- लल्लू सिंह आरोप लगे कि राम मंदिर निर्माण के दौरान उन्होंने जमीनों को सस्ते दाम में खरीदकर ऊंचे दाम में बेचा। यह मुद्दा सपा ने बहुत ही जोरों से उठाया।
- लोकसभा के प्रचार के दौरान लल्लू सिंह ने संविधान को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा कि संविधान में संसोधन के लिए दो तिहाई से अधिक के बहुमत की जरूरत है। 272 सांसदों से कुछ नहीं होने वाला है। उनका यह बयान काफी वायरल हुआ, जो उनकी हार का कारण बना।