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NIA ने बताई गोगामेड़ी हत्याकांड की असली कहानी गोल्डी बरार और रोहित गोदारा ने ऐसे रची साजिश

जयपुर

करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में The National Investigation Agency (NIA) ने बुधवार को अपनी चार्जशीट दायर कर दी है। इस चार्जशीट में विदेशी आतंकी गोल्डी बराड़ और कई बड़े गैंगस्टरों का नाम दर्ज है। दिसंबर, 2023 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की गई थी। NIA का दावा है कि उनकी हत्या में गोल्डी बराड़ और कई नामी गैंगस्टर शामिल रहे हैं।

NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि गोगामेड़ी की हत्या में कुख्यात आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट का हाथ था। जयपुर के श्याम नगर कॉलोनी में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की उनके लिविंग रूम में गोली मार कर हत्या की गई थी। गोगामेड़ी के अलावा नवीन शेखावत और अजीत सिंह की भी हत्या की गई थी और गोगामेड़ी के गनमैन नरेंद्र सिंह इस हमले में जख्मी हो गए थे।

NIA ने UAPA भी लगाया

इस केस की जांच के दौरान एनआईए ने गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रचने के आऱोपी में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा चार लोग अब तक फरार हैं। जयपुर स्थित एनआईए की विशेष अदालत में अपनी चार्जशीट में जांच एजेंसी ने 12 ज्ञात आरोपियों के खिलाफ चार्ज लगाए हैं। यह सभी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से ताल्लुक रखते हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, आर्म्स ऐक्ट तथा UAPA ऐक्ट के तहत चार्जशीट दायर किया गया है।

NIA ने मास्टरमाइंड का किया खुलासा

NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी रावातरम स्वामी और रोहित गोदारा इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड थे। इन्होंने आरोपी वीरेंद्र चरण, सतविंदर सिंह, गोल्डी बराड़ और अन्य के साथ मिलर साजिश रची ती। हत्या के बाद आरोपी रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। वो इस हत्याकांड का नाम लेकर दूसरे लोगों को उगाही के लिए भी धमकाते थे।  

हत्या के बाद स्कूटी चालक पर भी हमला

दो आरोपियों की पहचान रोहित राठौड़ और नीतिन के तौर पर हुई है। इन दोनों ने 5 दिसंबर, 2023 को हमले के लिए पिस्टल और कई राउंड गोलियां तथा मैग्जीन रिसीव किए थे। गोगामेड़ी के घर से भागते वक्त इन दोनों ने एक i-10 कार और एक स्कूटी चालक पर भी हमला किया था और बचने के लए उन्होंने इस स्कूटी का इस्तेमाल किया था। आरोपी महेंद्र कुमार और उसकी पत्नी तथा सह-आरोपी पूजा सैनी ने हत्याकांड से पहले नीतिन को पनाह दी थी।

एनआईए की जांच में पता चला है कि राहुल ने आरोपी भवानी सिंह की मदद ली थी ताकि हमने के लिए नितिन फौजी को हायर किया जा सके। भवानी को अशोक कुमार नाम के एक शख्स ने पनाह दी थी। यह आरोपी उधम सिंह था जिसने भवानी सिंह और राहुल के साथ मिलकर नितिन को जयपुर भेजा ताकि हत्या की योजना को अंजाम दिया जा सके। आरोपी रामबीर ने नितिन को पनाह दी थी। बहरहाल इस मामले में अभी जांच जारी है और फरार आरोपियों की तलाश भी जारी है।

 

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