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मुजफ्फरपुर-बिहार में खून का धंधा कर रहे थे प्रेमी-प्रेमिका गिरफ्तार, व्हाट्सएप से मेडिकल कॉलेज सहित कई अस्पतालों तक फैलाया जाल

मुजफ्फरपुर.

बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने खून का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में एक प्रेमी युगल गिरफ्तार किया गया है। इनका नेटवर्क मेडिकल कॉलेज सहित कई अस्पतालों तक फैला था। पकड़े गए आरोपी वाट्सएप ग्रुप बनाकर खून की कालाबाजारी करते थे।
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर पुलिस ने खून का गोरखधंधा यानी कालाबाजारी करने वाले एक बड़े गिरोह के दो शातिर सदस्यों को पकड़ा है। दोनों शहर के कई निजी अस्पताल से लेकर SKMCH मेडिकल कॉलेज तक में अपना काला धंधा चला रहे थे।

इस धंधे में शामिल खुद आरोपी मो. इमरान अपनी प्रेमिका मुस्कान परवीन की मदद से इसको किया करता था। आरोपी भोली-भाली महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर टारगेट करता था। इसकी एवज में वह मोटी रकम लेता था। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस की बनाई गई टीम ने मामले में एक आरोपी को पकड़ा। उसके बयान पर इस गिरोह में शामिल उसकी महिला मित्र मुस्कान को भी पकड़ लिया गया।

वाट्सएप ग्रुप से चल रहा था खून का अवैध धंधा
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच एरिया से पकड़े गए आरोपी मो. इमरान के मोबाइल से सबूत मिले हैं। सबूतों के मुताबिक कई निजी अस्पतालों के साथ ही एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज और कई निजी ब्लड बैंक के लोगो का एक ग्रुप बनाया हुआ था। उसके जरिए ब्लड की सप्लाई और लेन-देन करने का काम किया जाता था। बताया जा रहा है कि आरोपी लोगों के खून को इकट्ठा करके उसके एवज में मोटी रकम को वसूलने का काम किया करते थे। इसमें अस्पतालों के कई कर्मी भी संलिप्त थे जो खून की जरूरत वालों से संपर्क कर उन्हें खून मुहैया कराते थे और खून को देने का बाद उसकी एवज में कमीशन मिलती थी।

पहले ब्लड बैंक में काम करता था आरोपी
मुजफ्फरपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा खून का सौदागर मो. इमरान पहले एसकेएमसीएच की ब्लड बैंक में काम करता था और बाद में इस काम को छोड़ दिया। ब्लड बैंक से काम छोड़ने के बाद वह इस खून के खेल को पूरी तरह से समझ चुका था। इसके जरिए उसने मोटी कमाई करने के लिए अपना नेटवर्क बनाया। फिर इसमें निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के कर्मियों सहित अपनी महिला मित्र को इस करतूत में शामिल कर लिया। कई गुना कमाई को देख लोग अस्पताल के लोग-कर्मी इसमें जुड़ते चले गए। इसके बाद मो. इमरान अपने गोरखधंधे का नेटवर्क मोबाइल फोन की जगह वाट्सएप ग्रुप पर चलाने लगा। उससे जरूरतमंद लोगों से संपर्क करने के बाद उनके लिए जरूरत के खून को मुहैया कराने और उसकी मुंह मांगी कीमत किया जाता था।

खून की कालाबाजारी में प्रेमी-प्रेमिका का था अलग-अलग काम
पुलिस की जांच में पता चला है कि खून की कालाबाजारी को खुद मुख्य सरगना मो. इमरान संभालता था। जबकि उसकी महिला मित्र मुस्कान परवीन महिला मरीज और खून के जरूरतमंदों से संपर्क किया करती थी। दोनों द्वारा अपने-अपने टारगेट को पूरा करने के बाद एक खास हिस्सा बांट लेते थे। फिर दोनों अगले दिन के टारगेट को तय करते थे। आरोपी मुस्कान परवीन शहर में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों से संपर्क करने के बाद उनकी जरूरत के अनुसार अलग-अलग ग्रुप के खून का प्रबंध करने और उपाय करने का काम किया करती थी। फिलहाल पुलिस इस मामले में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

आरोपी प्रेमी-प्रेमिका को भेजा गया जेल
सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि पुलिस की विशेष टीम के द्वारा यह करवाई की गई है। इसमें दो लोग पकड़े गए हैं, जिनमें एक नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा निवासी मो. इमरान और एक काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के माड़ीपुर निवासी मुस्कान परवीन है। दोनों द्वारा शहर के कई नामी-गिरामी अस्पताल और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल के लोगों से संपर्क बनाया गया था। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि दोनों खून की कालाबाजारी करने का काम करते थे। इस काम में उन्हें कई अन्य लोगों की मदद मिलती थी। मरीज देने पर कमीशन मिलती थी। फिलहाल दोनों के खिलाफ पुलिस के पास पूरे सबूत हैं और अब दोनों को जेल भेजा जा रहा है।

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