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भागलपुर-बिहार के कॉलेज में भी हुई थी कवि की हत्या, मौके पर गाड़ी मिलने के पांच महीने बाद भी अपराधी नहीं पकडे

पटना/बेगूसराय.

आदर्श आचार संहिता, राष्ट्रपति शासन, आपातकाल… कुछ ऐसी परिस्थितियां होती हैं, जिनमें पुलिस को भी डर लगता है। कार्रवाई का। तभी तो, पटना लॉ कॉलेज के अंदर घेरकर पीटते हुए मारे गए हर्ष राज की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी की राजनीतिक पहचान के बावजूद 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी हो गई। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग बदकिस्मती से, सबसे पहले राष्ट्रीय जनता दल ने की। तेजस्वी यादव से लेकर रोहिणी आचार्य तक चिंतित थीं। और, गिरफ्तार होने वाला चंदन यादव महागठबंधन प्रत्याशी के प्रचार में शामिल वामपंथी निकला।

खैर, एक गिरफ्तारी तो हुई। पांच महीने पहले इसी तरह एक कॉलेज कैंपस के अंदर गाड़ी से कुचल कर मारे गए कवि कुमार के हत्यारे को तो अबतक पुलिस ढूंढ़ ही नहीं सकी है। तब भी, जबकि घटना थाने के सामने हुई और आरोपी की गाड़ी वहीं पकड़ी गई थी। तब महागठबंधन की सरकार थी। भाजपा ने भी इसी तरह आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग औपचारिक रूप से की थी। अब चार महीने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में भी वह गिरफ्तारी नहीं हुई है।

न महागठबंधन सरकार ने किया, न राजग वालों ने
बेगूसराय के बखरी निवासी कवि कुमार की हत्या पटना के बोरिंग रोड स्थित एएन कॉलेज के कैंपस में अपराधियों ने स्कॉर्पियो गाड़ी से कुचल कर की थी। एएन कॉलेज कैंपस के अंदर ही श्रीकृष्णापुरी थाना भी है। थाने से कुछ ही दूर पर यह हत्या हुई थी।इस हत्या के बाद बेगूसराय से लेकर पटना तक छात्र कवि कुमार को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर आंदोलन करते दिखे थे। लेकिन, कवि कुमार हत्याकांड में कुछ हुआ ही नहीं। कवि कुमार के पिता धर्मेंद्र कुमार साह अपने पुत्र की हत्या के बाद पूरी तरह से टूट चुके हैं। वह न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाते फिर रहे हैं। 'अमर उजाला' के सवाल पर धर्मेंद्र ने बताया है कि 28 दिसंबर को पटना में हत्या हुई और अब आप 28 मई को मुझसे सवाल पूछ रहे हैं तो जवाब एक ही है कि आजतक बिहार पुलिस ने मेरे कलेजे के टुकड़े की जान लेने वालों को नहीं पकड़ा। कुछ बताते भी नहीं। तब महागठबंधन की सरकार थी, 28 जनवरी से राजग की सरकार है। हर तरफ फरियाद लगाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। आप चाहें तो बिहार पुलिस की वेबसाइट पर भी देख लें।

मरने से पहले सब बता गया था कवि
सरकारी वेबसाइट पर केस स्टेटस देखा तो उसपर पांच महीने की प्रगति का कोई अपडेट नहीं है। प्राण छूटने से पहले कवि कुमार का फर्द बयान जरूर मिला। इसमें कवि ने पुलिस को रिकॉर्डेड बयान दिया था कि "एएन कॉलेज के कैंपस में साइंस ब्लॉक के पास बैठा था, तभी मारने की नीयत से एक स्कॉर्पियो गाड़ी ने कुचल दिया।" खास बात यह कि इस कांड का वीडियो भी पुलिस के पास था। हत्या में इस्तेमाल की गई गाड़ी भी मौके से बरामद कर ली गई थी। लेकिन, पुलिस पांच महीने में अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी। कवि के पिता कहते हैं- "इस हत्या के बाद पुलिस ने कुछ किया ही नहीं। हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। प्राथमिकी दर्ज करने से आगे कुछ नहीं किया गया, जबकि अपराधी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हर स्तर पर न्याय की गुहार लगा चुका हूं। अभी तक पुलिस चार्जशीट दाखिल कर नहीं बता रही है।"

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