Monday , November 25 2024
Breaking News

आज खुलेगी भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा, भगवान शिव के होंगे दर्शन

खैरागढ़

छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक धरोहरों का भंडार है। यहां कई घने जंगल, झरने, नदियां, पहाड़ और कई गुफाएं हैं। लेकिन खैरागढ़ जिले के घने जंगल में स्थित मंडीप खोल गुफा, विश्व की 6वीं और भारत की दूसरी सबसे बड़ी (गहरी और लंबी) गुफा मानी जाती है। मंडीप खोल गुफा में भक्ति और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। भगवान शिव को समर्पित यह प्राकृतिक गुफा साल में केवल एक बार ही खुलती है। इस बार मंडीप खोल गुफा आज (सोमवार) को  खुलने वाली है।

बता दें, खैरागढ़ जिले के छुईखदान विकासखण्ड के ग्राम ठाकुरटोला के समीप घने जंगलों के बीच मंडीप खोल स्थित है। इस गुफा को हर साल अक्षय तृतीया के बाद पहले सोमवार को पर्यटकों के लिए खोला जाता है। जिसमें अन्य राज्यों के पर्यटक भी भारी संख्या में मंडीप खोल गुफा को देखने पहुंचते हैं।

गुफा दर्शन को लेकर खास तैयारियां
इस खास गुफा को खोलने से पहले यहां पर्यटकों के लिए सुरक्षा और जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। खैरागढ़ कलेक्टर चन्द्रकांत वर्मा ने मंडीप खोल गुफा और आस-पास के कई स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने गुफा खोलने से पहले साफ-सफाई, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रोड निर्माण की वजह से उड़ रहे धूल को कम करने ​के लिए पानी के छिड़काव करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कलेक्टर ने वन विभाग के अधिकरियों को बांस तथा बल्लियों के बैरिकेटिंग तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे गुफा के अंदर श्रध्दालु क्रम अनुसार प्रवेश कर सके।

रियासतकालीन परंपराओं से होती है पूजा
ठाकुरटोला के जमींदार परिवार द्वारा ही मंडीप खोल गुफा की प्रथम पूजा-अर्चना की जाती है। यह एक ऐतिहासिक गुफा है, जहां रियासतकालीन परंपराओं के अनुसार पूजा होती है।

सेतगंगा कुड का पानी गंगा की तरह शुद्ध
बता दें, यहां आने वाले पर्यटक सर्वप्रथम सेतगंगा के नाम से प्रचलित कुंड पर स्नान के बाद मंडीप खोल गुफा के अंदर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं। सेतगंगा कुड की ऐसी मन्याता है कि, यह का पानी गंगा जल की तहर शुध्द है, जो कभी खराब नहीं होता और ना ही इस जल में कीड़े लगते हैं।

चमगादड़ गु्फा
ठाकुरटोला के सरपंच ने बताया कि यही सेतगंगा कुंड के अंदर चमगादड़ गुफा के नाम से विख्यात गुफा है। जिसमें हजारों की संख्या में चमगादड़ रहते हैं। जहां दिन में भी काफी अंधेरा होता है, यहां के पत्थरों पर टॉर्च की रौशनी तारों की तरह प्रतीत होता है। पिछले वर्ष यहां 5 दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों श्रध्दालु शामिल हुए थे। जिनके रूकने और खाने—पीने की व्यवस्था ग्रामीणजन आपस में सहयोग करके व्यवस्था करते हैं।

गुफा की कई हिस्से अब तक अनछुए
पंडित राधामोहन ने बताया कि इस गुफा को विश्व की छठवीं और भारत की दूसरी सबसे बड़ी गुफा है। गुफा का अंतिम हिस्सा आज तक अबूझ है। इसके साथ ही गुफा के अधिक गहराई में जाने पर तालाब जैसे कुंड होना बताया जाता है।

About rishi pandit

Check Also

छत्तीसगढ़-मुख्यमंत्री साय ने किसानों को दी ‘मोदी की गारंटी’, 21 क्विंटल प्रति एकड़ हो रही धान की खरीदी

रायपुर. सीएम साय ने प्रदेश में जारी धान खरीदी को लेकर किसानों को स्पष्ट किया …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *