नेपाल में भारत की वित्तीय मदद से बने स्कूल भवन का हुआ उद्घाटन
अमेरिकी सेना ने लॉकहीड मार्टिन से मल्टीपल लॉन्च रॉकेट का ऑर्डर दिया
उप-प्रधानमंत्री डार अगले सप्ताह जाएंगे चीन; सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने टाली पाकिस्तान की यात्रा
काठमांडू
नेपाल के बैतादी जिले में भारत की वित्तीय मदद से बने एक स्कूल भवन का उद्घाटन किया गया। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी। दूतावास की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पाटन नगरपालिका-4 में श्रीभूमिश्वर माध्यमिक विद्यालय भवन के निर्माण की आधारशिला भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव अविनाश कुमार सिंह और पाटन नगर पालिका की महापौर गौरी सिंह रावल ने रखी। स्कूल का निर्माण 'नेपाल-भारत विकास सहयोग' के तहत भारत सरकार की ओर से 3.105 करोड़ नेपाली रुपये की वित्तीय मदद से किया जा रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत सरकार की अनुदान राशि का इस्तेमाल दो मंजिला विद्यालय भवन के निर्माण सहित अन्य सुविधाओं के लिए किया जा रहा है। महापौर रावल ने अपने संबोधन में नेपाल के विकास के लिए भारत के निरंतर समर्थन की प्रशंसा की। भारत सरकार ने 2003 के बाद से नेपाल में विभिन्न क्षेत्रों में 551 सामुदायिक विकास परियोजनाएं(एचआईसीडीपी) शुरू किए हैं और 490 परियोजनाओं को पूरा किया है। इनमें से 40 परियोजनाएं सुदूर पश्चिम प्रांत में हैं, जिनमें बैतादी में दो परियोजनाएं शामिल हैं।
भारत ने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर नेपाल में विभिन्न अस्पतालों को 1009 एंबुलेंस और शैक्षणिक संस्थानों को 300 स्कूल बसें उपहार में दी हैं। इनमें से 68 एंबुलेंस और 29 स्कूल बसें सुदूर पश्चिम प्रांत में उपहार में दी गई हैं, जिनमें बैतादी जिले में पांच एंबुलेंस प्रदान की गई हैं।
अमेरिकी सेना ने लॉकहीड मार्टिन से मल्टीपल लॉन्च रॉकेट का ऑर्डर दिया
वाशिंगटन
लॉकहीड मार्टिन मिसाइल्स एंड फायर कंट्रोल को उन्न्त गाइडेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए अमेरिकी सेना 33 करोड़ डॉलर से अधिक अनुबंध से सम्मानित किया है। रक्षा विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गयी।
शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया, “लॉकहीड मार्टिन मिसाइल्स एंड फायर कंट्रोल [ऑफ़] ग्रैंड प्रेयरी, टेक्सास को गाइडेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए 332,126,764 डॉलर का संशोधन अनुबंध दिया गया।”
रक्षा विभाग ने कहा कि अनुबंध पर काम 20 अक्टूबर, 2027 की अनुमानित समाप्ति तिथि के साथ अगले साढ़े तीन वर्षों में किया जाएगा।
रक्षा विभाग ने कहा कि अमेरिकी सेना अनुबंध कमान, रेडस्टोन आर्सेनल, अलबामा अनुबंध पर काम की देखरेख करेगा।
उप-प्रधानमंत्री डार अगले सप्ताह जाएंगे चीन; सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने टाली पाकिस्तान की यात्रा
इस्लामाबाद
सऊदी अरब के प्रिंस वली अहद मोहम्मद बिन सलमान अब पाकिस्तान नहीं आ रहे हैं। अज्ञात कारणों से उन्होंने यात्रा टाल दी है। बताया जा रहा कि दो दिवसीय यात्रा पर 19 मई को इस्लामाबाद आने की उम्मीद थी। वहीं, पाकिस्तान के नवनियुक्त उप प्रधानमंत्री इशाक डार अगले सप्ताह चीन की यात्रा पर जाएंगे।
वली अहद की यात्रा टालने पर विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद और रियाद के बीच कार्यक्रम तय होते ही यात्रा का विवरण सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि यह यात्रा जल्द ही होगी और निश्चित रूप से मूल्यवान होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग उत्सुकता से वली अहमद की प्रतीक्षा कर रहे थे।
पाकिस्तान के लिए अहम थी यह यात्रा
मार्च में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सऊदी अरब की यात्रा के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में राजनयिक और व्यापार संबंधी व्यस्तताओं के बाद उच्च स्तरीय यात्रा होने की संभावना थी। बताया जा रहा था कि नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब के नेता का आना बहुत महत्वपूर्ण था।
अगर वली अहद मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान की यात्रा पर आते हैं तो यह इस देश के लिए काफी मददगार होगा। सऊदी अरब आने वाले दिनों में पाकिस्तान में पांच अरब डालर का निवेश कर सकता है। बता दें, यह पांच साल में मोहम्मद बिन सलमान की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी, इससे पहले वह पिछली बार फरवरी 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के शासन के दौरान देश के दौरे पर आए थे।
उप प्रधानमंत्री इशाक डार अगले सप्ताह चीन जाएंगे
पाकिस्तान के नवनियुक्त उप प्रधानमंत्री इशाक डार 13 मई को चीन की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वह शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा करेंगे, जिसमें अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का उन्नयन भी शामिल है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि डार, जो विदेश मंत्री भी हैं, अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ 5वीं पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान, डार और वांग बहुपक्षीय मंच पर उभरते क्षेत्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य और द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
गौरतलब है, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ने वाले सीपीईसी का भारत विरोध कर रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है।
बयान में कहा गया है कि 13-16 मई की अपनी यात्रा के दौरान डार के चीनी नेताओं, वरिष्ठ मंत्रियों और प्रमुख कॉर्पोरेट अधिकारियों से मिलने की भी उम्मीद है। डार की बीजिंग यात्रा उन खबरों के बीच हो रही है जिनमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के आने वाले हफ्तों में चीन की यात्रा करने की संभावना है।