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किलियन एम्बाप्पे ने सीज़न के अंत में पीएसजी छोड़ने की घोषणा की

किलियन एम्बाप्पे ने सीज़न के अंत में पीएसजी छोड़ने की घोषणा की

कोपा अमेरिका: ब्राजील की टीम से बाहर हुए नेमार

ओलंपिक मेजबानी पर अनुराग ठाकुर ने कहा- हम तैयार हैं और अन्य दावेदारों का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं

मार्सिले
 फ्रांस के स्टार फुटबॉलर किलियन एम्बाप्पे सीज़न के अंत में फ्रेंच लीग 1 क्लब पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) छोड़ देंगे। एम्बाप्पे ने  को इसकी पुष्टि की, हालांकि इसके बाद वह कौन से क्लब से जुड़ेंगे, इसका खुलासा नहीं किया।

एम्बाप्पे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, मैं आप सभी को यह बताना चाहता था कि यह पेरिस सेंट-जर्मेन में मेरा आखिरी साल है। मैं इसे आगे नहीं बढ़ाऊंगा और कुछ ही हफ्तों में रोमांच खत्म हो जाएगा। मैं क्लब के लिए अपना आखिरी मैच रविवार को पार्क डेस प्रिंसेस में खेलूंगा।

फ्रांसीसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी 2017 में मोनाको से ऋण पर पीएसजी में शामिल हुए थे और सीजन समाप्त होने के बाद 180 मिलियन यूरो के हस्तांतरण शुल्क पर आधिकारिक तौर पर क्लब के साथ जुड़ गए थे।

टीम के साथ अपने सात वर्षों के दौरान, एम्बाप्पे ने क्लब को छह लीग खिताब और तीन फ्रेंच कप जीत हासिल करने में मदद की, उन्होंने क्लब के लिए 306 मैच खेले और 255 गोल किए। वह टीम के इतिहास में शीर्ष स्कोरर हैं।

26 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, बहुत सारी भावनाएं हैं, कई वर्षों में मुझे सबसे बड़े और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्लबों में से एक का सदस्य बनने का मौका और बड़ा सम्मान मिला।

उन्होंने कहा, इसने मुझे यहां पहुंचने, बहुत दबाव के साथ एक क्लब में अपना पहला अनुभव प्राप्त करने, एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने, इतिहास के कुछ सर्वश्रेष्ठ, कुछ महान चैंपियनों के साथ रहने की अनुमति दी। यह कठिन है और मैंने कभी नहीं सोचा था कि इसकी घोषणा करना इतना कठिन होगा… लेकिन मुझे लगता है कि सात साल बाद मुझे एक नई चुनौती के लिए इसकी जरूरत थी।

पीएसजी ने पहले ही इस सीज़न का लीग 1 खिताब सुरक्षित कर लिया है और फ्रेंच कप फाइनल में पहुंच गया है, जहां वे 25 मई को ल्योन के खिलाफ चैंपियनशिप के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

हालाँकि, चैंपियंस लीग में जहाँ टीम अपनी छाप छोड़ने की सबसे अधिक इच्छुक थी, उन्हें एक और निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा औरसे बोरुसिया डॉर्टमुंड के खिलाफ सेमीफाइनल के दोनों चरणों में हार का सामना करना पड़ा।

 

कोपा अमेरिका: ब्राजील की टीम से बाहर हुए नेमार

रियो डी जनेरियो
स्टार फुटबॉलर नेमार को घुटने की चोट के कारण कोपा अमेरिका के लिए 23 सदस्यीय ब्राजील की टीम से बाहर कर दिया गया है। ब्राजीली फुटबॉल परिसंघ ने  उक्त जानकारी दी।नेमार ने अक्टूबर में अपने बाएं घुटने के क्रूसिएट लिगामेंट और मेनिस्कस के टूटने के बाद से नहीं खेला है और 32 वर्षीय के संयुक्त राज्य अमेरिका में 20 जून से शुरू होने वाले टूर्नामेंट के लिए फिट होने की कोई संभावना नहीं है।

मैनचेस्टर यूनाइटेड के मिडफील्डर कासेमिरो और टोटेनहम हॉटस्पर के फॉरवर्ड रिचर्डसन भी टीम से बाहर हैं, जो अपने-अपने क्लबों में खराब फॉर्म और चोटों से जूझ रहे थे।जैसा कि अपेक्षित था, प्रबंधक डोरिवल जूनियर ने अपनी 23 सदस्यीय टीम में रियल मैड्रिड जाने वाले पाल्मेरास के युवा फॉरवर्ड एंड्रिक को टीम में शामिल किया है।

एंड्रिक, जो जुलाई में 18 साल के हो जाएंगे, ने वेम्बली स्टेडियम में इंग्लैंड पर 1-0 की जीत में और मार्च में सैंटियागो बर्नब्यू में स्पेन के खिलाफ 2-2 से ड्रा में ब्राजील के लिए गोल किया था।ब्राजील अपने कोपा अमेरिका अभियान की शुरुआत 24 जून को लॉस एंजिल्स में कोस्टा रिका के खिलाफ करेगा और ग्रुप चरण में पराग्वे और कोलंबिया से भी भिड़ेगा।

कोपा अमेरिका के लिए ब्राजील की टीम इस प्रकार है-

गोलकीपर: एलिसन, एडर्सन, बेंटो।

डिफेंडर: डैनिलो, यान कूटो, गुइलहेम अराना, वेंडेल, बेराल्डो, मार्क्विनहोस, एडर मिलिटाओ, गेब्रियल मैगलहेस।

मिडफील्डर: एंड्रियास परेरा, ब्रूनो गुइमारेस, डगलस लुइज़, जोआओ गोम्स, लुकास पाक्वेटा।

फॉरवर्ड: एंड्रिक, इवानिलसन, गेब्रियल मार्टिनेली, रफिन्हा, सविन्हो, रोड्रिगो, विनीसियस जूनियर।

 

ओलंपिक मेजबानी पर अनुराग ठाकुर ने कहा- हम तैयार हैं और अन्य दावेदारों का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं

हमीरपुर
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत का दावा मजबूत करार देते हुए कहा कि देश अन्य दावेदारों का मुकाबला करने में सक्षम है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले साल होना है और ऐसे में 2036 के ओलंपिक खेलों के मेजबान का फैसला 2026 या 2027 से पहले होने की संभावना नहीं है। भारत की मेजबानी में दिलचस्पी को आईओसी के वर्तमान अध्यक्ष थॉमस बाक समर्थन भी हासिल है जिनका मानना है कि भारत का दावा काफी मजबूत है।

ठाकुर से जब पूछा गया कि क्या भारत के पास पोलैंड, इंडोनेशिया, मैक्सिको, कतर और सऊदी अरब जैसे कई देशों की दावेदारी का मुकाबला करने की क्षमता है तो उन्होंने कहा,‘‘हम पूरी तरह से तैयार हैं। हम आसानी से ऐसा कर सकते हैं।’’ ठाकुर ने इन खेलों पर होने वाले खर्च के संबंध में कहा, ‘‘पिछले साल हमारा पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ रुपये था और उससे एक साल पहले यह 7.5 लाख करोड़ रुपये था। इस साल यह 11,11,111 करोड़ रुपये है। खेल का बुनियादी ढांचा मुश्किल से 5,000 करोड़ रुपये है। अगर लागत 20,000 करोड रुपए तक भी जाती है तब भी ऐसा किया जा सकता है।’’

भारत सरकार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है तथा वह 2030 में होने वाले युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करके अपना दावा और मजबूत करना चाहती है। भारत को अगर मेजबानी मिलती है तो इन दोनों खेलों का आयोजन अहमदाबाद में किया जा सकता है। रियो में 2016 में खेले गए ओलंपिक खेल का खर्चा 11.1 बिलियन डॉलर जबकि तोक्यो खेलों का खर्चा 12.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

ठाकुर से पूछा गया कि इस राशि का उपयोग कल्याणकारी योजनाओं पर हो सकता है तो उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलों की मेजबानी से गरीबों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको उदाहरण दूंगा। जब आईपीएल शुरू हुआ तो उसने इन एक दो महीनों में कई लोगों को रोजगार दिया और इनकी संख्या हजारों में नहीं बल्कि लाखों में है। यह हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। भारत जैसे देश को ओलंपिक खेलों की मेजबानी से लाभ होगा।’’

ठाकुर ने कहा,‘‘मोदी सरकार पहले ही गरीबों के लिए काफी कुछ कर रही है। उसने पहले ही 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठा लिया है। उन्हें समृद्ध बनाने के लिए और अधिक सुविधाएं दी जाएंगी।’’ खेल मंत्री को उम्मीद है कि इस साल जुलाई अगस्त में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘इस बार हमारे पदकों की संख्या दोहरे अंकों में पहुंचनी चाहिए। हमने जिस तरह से तैयारी की है उसे देखते हुए मुझे उम्मीद है कि हमारी पदक संख्या दोहरे अंक में पहुंचेगी।’’

ठाकुर ने कहा कि भारत का खेलों के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन का श्रेय सरकार की खेलो इंडिया पहल को जाता है जिसकी शुरुआत 2017 में की गई थी। उन्होंने कहा,‘‘पहले कहते थे पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब। अब कहते हैं पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब और खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब।’’ ठाकुर ने कहा,‘‘खेलो इंडिया ने देश में खेल का माहौल तैयार किया। लोग अब अपने बच्चों के लिए खेलों में भी करियर देख रहे हैं। खेल बजट तीन गुना बढ़ गया है। आज खेलो इंडिया के 1000 से भी अधिक केंद्र हैं।’’

ठाकुर हालांकि भारतीय खेलों की चुनौतियों से भी वाकिफ हैं। इनमें डोपिंग से निपटना भी शामिल है। भारत विश्व में डोपिंग मामलों की दृष्टि से शीर्ष देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को सही रास्ते पर ले जाने का जिम्मा कोच और राष्ट्रीय महासंघ का है। खेल मंत्री ने कहा, ‘‘अब हम अधिक नमूनों का परीक्षण करते हैं जिससे पॉजिटिव आने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ी। महासंघों और कोचों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। अगर वह पदक जीतने के लिए शॉर्टकट अपनाते हैं तो इससे नुकसान ही होगा। इससे खिलाड़ी का पूरा करियर बर्बाद हो सकता है। उन्हें सही रास्ते पर ही आगे बढ़ना होगा।

 

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