Chamoli tragedy:digi desk/BHN/ उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी को आए सैलाब में सबकुछ तबाह हो गया. इस दर्दनाक हादसे में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. हादसे के बाद से ही लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. एसडीआरएफ की आठ टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इधर, तपोवन टनल में भी 30 मजदूरों के फंसे होने की सूचना है, वहां भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. बचाव दलों ने सुरंग में झांकने के लिए देर रात 2 बजे से ही ड्रिलिंग अभियान शुरू किया है.
इधर, रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे जवानों को कई तरह की समस्यों को सामना करना पड़ रहा है. उत्तराखंड के डीजीपी शोक कुमार ने कहा कि मलबा हटाने और सुरंग से लोगों को निकालने के लिए ड्रिल किया जा रहा था, लेकिन मशीन के टूटते के कारण काम बीच में ही रुक गया. हालांकि .यह भी सूचना आ रही है कि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है और ड्रिलिंग का काम फिर शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लोगों के जो शव मिले हैं, उसका डीएनए नमूने संरक्षित किया जा रहा है. अबतक 34 शवों में से 10 शव की पहचान की जा चुकी है. वहीं, ऑपरेशन में के तहत ड्रोन, मोटरवोट, डॉग स्क्वायड और मशीनों से सुरंग खोदकर लापता लोगों की तलाश की जा रही है. लेकिन सुरंग के जरिए भारी मात्रा में आ रहा मलबा बचाव दल के सामने बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहा है.
रैणी गांव से श्रीनगर तक खोजबीन कर रही है एसडीआरएफ की आठ टीमें : बता दें एसडीआरएफ की आठ टीमों सहित कई और टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं. वहीं बचाव टुमें रैणी गांव से लेकर श्रीनगर तक खोजबीन कर रही है. अलकनंदा के तटों पर बायनाकुलर से भी लोपता लोगों की तलाश की जा रही है.