नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत से मंगलवार को कथित आबकारी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की जज कावेरी बावेजा ने मामले में आरोप तय करने के संबंध में आगे की बहस के लिए अगली तारीख भी तय की है।
इससे पहले कोर्ट ने 30 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। तब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। सिसोदिया एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है। 28 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने ईडी केस में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।ट्रायल कोर्ट ने आप नेता की याचिका ऐसे समय पर खारिज की है जब हाईकोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका के संबंध में जवाब देने के लिए हाल ही में सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस स्वर्णा कांति शर्मा की पीठ ने सीबीआई के साथ ही ईडी से भी जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 8 मई के लिए निर्धारित की है। कोर्ट ने हफ्ते में एक बार सिसोदिया को अपनी पत्नी से मिलने की भी अनुमति दी। हालांकि, यह निर्देश भी दिया कि हिरासत पैरोल की अनुमति वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहेगा।
सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के 30 अप्रैल, 2024 के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसने दो मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह उन्हें जमानत देने का सही चरण (स्टेज) नहीं है। कोर्ट ने सिसोदिया की उस दलील को भी खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मामले की कार्यवाही काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। अदालत ने कहा कि वह इस स्टेज पर उन्हें नियमित या अंतरिम जमानत नहीं दे सकती।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 मई को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने ईडी से सवाल किया कि जब सिसोदिया को उनकी पत्नी से हफ्ते में एक दिन मिलने की इजाजत है, तो फिर अब इसे जारी रखने में क्या दिक्कत है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सिसोदिया दूसरी बार नियमित जमानत की मांग कर रहे थे।
जज बावेजा के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश अभियोजक पंकज गुप्ता ने कहा था कि सिसोदिया धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने सिसोदिया पर मामले में मुख्य आरोपी होने का आरोप लगाया और कहा कि वह जांच के सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, जो कुछ प्रमुख पहलुओं पर शुरुआती चरण में है। गुप्ता ने यह भी कहा कि उन्हें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली है।
बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका फरवरी से लंबित है।