Sunday , May 19 2024
Breaking News

कांग्रेस ने नेहरू-गांधी परिवार की साख बचाने के लिए गहलोत को अमेठी और बघेल को रायबरेली में बनाया पर्यवेक्षक

उत्तर प्रदेश

कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए सीनियर पर्यवेक्षक बना दिया है। गहलोत और बघेल को दोनों सीट पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का टास्क सौंपा गया है। प्रियंका गांधी सोमवार से खुद रायबरेली और अमेठी में कैंप करने जा रही हैं। प्रियंका के साथ गहलोत और बघेल की ड्यूटी लगाने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस रायबरेली ही नहीं, राहुल गांधी की छोड़ी हुई अमेठी सीट पर भी डटकर चुनाव लड़ेगी। अमेठी में कांग्रेस ने सोनिया के प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को लड़ाया है। राहुल रायबरेली से लड़ रहे हैं। अमेठी में केएल शर्मा को बीजेपी की स्मृति ईरानी से सीट वापस लेने का काम मिला है जबकि राहुल को रायबरेली में गढ़ बचाने उतारा गया है। रायबरेली इकलौती सीट है जो यूपी में कांग्रेस 2019 में जीती थी।

उत्तर प्रदेश की इन दोनों हाई-प्रोफाइल सीटों पर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान है। कांग्रेस ने गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ रही इन दोनों सीटों पर 3 मई को नामांकन के आखिरी दिन सुबह में उम्मीदवार की घोषणा की थी। तमाम अटकलों के विपरीत राहुल गांधी ने अमेठी छोड़कर रायबरेली लड़ने का फैसला किया जबकि अमेठी सीट से गांधी परिवार और अमेठी-रायबरेली से 30-40 साल से जुड़े केएल शर्मा को कैंडिडेट बनाया गया है। नामांकन के दिन अशोक गहलोत को लेकर प्रियंका गांधी अमेठी गई थीं और बहुत संक्षिप्त भाषण के बाद राहुल के नामांकन में रायबरेली चली गई थीं। प्रियंका ने उस दिन कहा था कि वो 6 मई को आएंगी और फिर चुनाव तक रायबरेली और अमेठी में ही रहेंगी।

सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी से जीत दर्ज करने के बाद 2004 में यहां से राहुल गांधी को लॉन्च किया था। 2004 में सोनिया गांधी रायबरेली से लड़ीं और तब से 2019 तक लगातार जीत दर्ज करती रहीं। इस साल की शुरुआत में वो राज्यसभा चली गईं क्योंकि उनकी तबीयत खराब रहती है। राहुल गांधी 2004 से 2014 तक अमेठी से जीत रहे थे लेकिन 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी ने उनको 55 हजार वोट से हरा दिया। राहुल तब केरल की वायनाड सीट से भी लड़े थे और वहां से जीतकर लोकसभा पहुंच पाए। राहुल वायनाड से इस बार भी लड़े हैं और वहां मतदान के बाद उनके रायबरेली से लड़ने का ऐलान हुआ।

सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी वायनाड के अलावा किसी भी सीट से नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन यूपी में कांग्रेस की सहयोगी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोनिया, प्रिंयका और राहुल से बात की। अखिलेश ने उन्हें मनाया कि गांधी परिवार से किसी ना किसी को यूपी लड़ना चाहिए, सीट चाहे अमेठी हो या रायबरेली। राहुल से कहा गया कि अगर वो यूपी से नहीं लड़ेंगे तो कार्यकर्ताओं का उत्साह टूटेगा और भाजपा को कहने का मौका मिलेगा कि हार के डर से कांग्रेस का नेता ही भाग गया। चुनावी माहौल को मोदी बनाम राहुल से राहुल बनाम स्मृति बनाने का मौका ना मिले इसलिए राहुल ने अमेठी छोड़कर रायबरेली को चुना जो 2019 के चुनाव नतीजों के हिसाब से कांग्रेस के लिए सेफ सीट है।

 

About rishi pandit

Check Also

कैसरगंज सीट पर महिला पहलवानों के मामले में आरोप तय होने का नहीं असर, जानिए बृजभूषण पर क्या सोचते हैं लोग

गोण्डा हमारे मालिक, हमारे भगवान, माननीय संसद बृजभूषण शरण सिंह को जन्मदिन की शुभकामनाएं' निवेदक, …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *