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रूस ने अंतरिक्ष में हथियारों पर प्रतिबंध संबंधी एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया

रूस ने अंतरिक्ष में हथियारों पर प्रतिबंध संबंधी एक प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया

 जेल जाने की चेतावनी मिलने के बाद ट्रंप ने न्यायाधीश को ‘कुटिल’ कहा

बाइडन प्रशासन कर रहा है अमेरिकी नागरिकों के फलस्तीन में रहने वाले परिजनों की मदद पर विचार

संयुक्त राष्ट्र
रूस ने संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें सभी देशों से बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती ‘‘हमेशा के लिए रोकने’’ के वास्ते तत्काल कदम उठाने की अपील की गई है।

दिलचस्प बात यह है कि एक सप्ताह पहले कमोबेश इसी प्रकार का एक प्रस्ताव अमेरिका और जापान ने संयुक्त रूप से विश्व निकाय में पेश किया था जिसपर रूस ने वीटो कर दिया था।

रूस के इस प्रस्ताव में अमेरिका और जापान के प्रस्ताव से इतर बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती हमेशा के लिए रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की बात है वहीं अमेरिका और जापान के प्रस्ताव में अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती रोकने के लिए कदम उठाने की बात की गई थी।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने जब अमेरिका-जापान के प्रस्ताव पर वीटो किया था तब उन्होंने सुरक्षा परिषद में कहा था कि यह अंतरिक्ष में सभी प्रकार के हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए असरदार नहीं है।

रूस ने जिस प्रस्ताव पर वीटो किया था उसमें पूरा ध्यान केवल परमाणु हथियारों सहित सामूहिक विनाश के हथियारों पर केन्द्रित था और उसमें अंतरिक्ष में अन्य हथियारों की तैनाती के संबंध में कोई उल्लेख नहीं था।

 जेल जाने की चेतावनी मिलने के बाद ट्रंप ने न्यायाधीश को ‘कुटिल’ कहा

वौकेशा,
अदालत की अवमानना के मामले में दोषी ठहराए जाने और इस बारे में कुछ न कहने के ‘गैग आदेश’ का उल्लंघन करने पर जेल जाने की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने खिलाफ रिश्वत मामले में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश को ‘कुटिल’ कहा।

2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर वयस्क फिल्मों की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को, उन दोनों के कथित अवैध संबंधों के बारे में चुप्पी साधने के बदले 130,000 डॉलर की रिश्वत देने का तथा इस राशि के भुगतान को छिपाने के लिए कारोबारी रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप है।

मामले की सुनवाई कर रहे जज ने  पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को गैग आदेशों (विचाराधीन मामले में बयानबाजी करने की मनाही) के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए उन पर नौ हजार डॉलर का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना चुप रहने के लिए धन देने के मामले में गवाहों, ज्यूरी और अन्य के संबंध में सार्वजनिक बयान देने से रोकने वाले ‘गैग आदेश’ का लगातार उल्लंघन करने पर लगाया गया।

ट्रंप के ‘ट्रुथ’ सोशल मीडिया खाते और प्रचार वेबसाइट पर पोस्ट के लिए जुर्माना लगाते हुए न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने कहा था कि यदि ट्रम्प ने उनके आदेशों का उल्लंघन करना जारी रखा, तो वह जेल जांएगे।

पूर्व राष्ट्रपति ने विस्कॉन्सिन के वौकेशा में एक कार्यक्रम में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘ कोई अपराध नहीं है। एक कुटिल न्यायाधीश हैं। वह पूरी तरह से विरोधाभासी न्यायाधीश हैं।’

उन्होंने दावा किया कि यह मामला और उनके खिलाफ अन्य मामले व्हाइट हाउस द्वारा उनके चुनाव अभियान को कमजोर करने के लिए चलाए गए हैं।

‘गैग आदेश’ न्यायाधीश द्वारा अदालत के समक्ष वकीलों, गवाहों और पक्षों को किसी मामले के तथ्यों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करने के लिए दिया जाता है। यह आम तौर पर विशेष आपराधिक मामलों में दिया जाता है ताकि प्रतिवादी को निष्पक्ष सुनवाई का आश्वासन दिया जा सके।

बाइडन प्रशासन कर रहा है अमेरिकी नागरिकों के फलस्तीन में रहने वाले परिजनों की मदद पर विचार

वाशिंगटन,
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन अमेरिका में रहने वाले उन फलस्तीनियों की मदद पर विचार विमर्श कर रहा है जो युद्धग्रस्त क्षेत्र से अपने परिवारों को यहां लाना चाहते हैं।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने बुधवार को कहा, ‘‘ हम उन फलस्तीनियों को और मदद देने के लिए नीतिगत प्रस्तावों का लगातार मूल्यांकन कर रहे हैं जो अमेरिकी नागरिकों के परिजन हैं और अमेरिका आना चाहते हैं।’’

जीन-पियरे ने कहा कि विचार विमर्श किया जा रहा है लेकिन इस संबंध में फिलहाल कोई ब्योरा नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस नए कदम से उन लोगों को मदद मिलेगी जो कानूनी रूप से स्थायी निवासी या अमेरिकी नागरिक है और जिनके परिवार वहां हैं।

इस समय किसी के लिए भी गाजा पट्टी से बाहर निकलना मुश्किल है क्योंकि इज़राइल-हमास युद्ध जारी है और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार युद्ध में अब तक 34,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें से लगभग दो-तिहाई बच्चे और महिलाएं हैं।

इस कदम पर चर्चा ऐसे वक्त में हो रही है जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इज़राइल दक्षिणी गाजा के रफह शहर में एक बड़ा सैन्य अभियान प्रारंभ करेगा वहीं बाइडन प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ये कार्रवाई विनाशकारी साबित होगी।

 अमेरिका: फलस्तीन समर्थक शिविर पर हमले को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं करने पर यूसीएलए की आलोचना

 अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसीएलए) के परिसर में फलस्तीनी समर्थकों के शिविर पर प्रदर्शनकारियों के हमले को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाने पर प्रशासन और परिसर में तैनात पुलिस को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है।

यूसीएलए में फलस्तीन समर्थक और इजराइल समर्थक प्रतिद्वंद्वी समूहों में झड़प हो गई थी जिसे रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बुलाया गया।

इस दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया और झड़प में कम से कम 15 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। अमेरिका के कुछ कॉलेज के परिसरों में इजराइल-हमास युद्ध को लेकर हिंसा की घटनाओं में हाल में तेजी आई है।

‘मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल’ की ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ रेबेका हुसैनी ने  लॉस एंजिलिस स्थित परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘समुदाय को यह लगना चाहिए कि पुलिस उनकी रक्षा कर रही है, ना कि दूसरों को उन्हें नुकसान पहुंचाने में सक्षम बना रही है।’’

यूसीएलए में जहां पुलिस के अधिक हस्तक्षेप की मांग की जा रही है, वहीं इसके विपरीत, अमेरिका के अन्य परिसरों में अधिकारियों की कार्रवाई की निंदा की जा रही है। मैडिसन स्थित विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में बुधवार तड़के पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के तंबू नष्ट हटा दिए, जिसके बाद प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए।

पुलिस कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी मंगलवार रात दाखिल हुई जहां युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारी जमा थे और उसने प्रदर्शन को समाप्त कराया।

‘एसोसिएटेड प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 अप्रैल के बाद से अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 30 स्थानों से 1,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

यूसीएलए के चांसलर जीन ब्लॉक ने एक बयान में कहा कि शिविरों पर हमले की सभी निंदा करते हैं लेकिन ‘‘हमारे छात्रों, संकाय और समुदाय के सदस्यों पर यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’

कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसोम और लॉस एंजिलिस के मेयर ने देरी से कार्रवाई को लेकर निंदा की जिसके बाद ब्लॉक ने इन घटनाओं की जांच किए जाने का वादा किया।

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