बरेली
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि मुसलमान उलमा पूछ रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में हम वोट किसको दें। उनका कहना है, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमान शब्द इस्तेमाल करते हुए डर रहे हैं। चुनिंदा उलमाओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को शहाबुद्दीन ने सपा पर जमकर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमान शब्द इस्तेमाल करते हुए डर रहे हैं। स्टेज से दाढ़ी-टोपी वाले मुसलमानों को धक्के मारकर नीचे उतार जा रहा है। सबूत हैं कि अखिलेश ने मुस्लिम चेहरों को हाशिए पर कर दिया गया है।
मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि 22 मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों पर मुसलमानों को टिकट न देकर गैर मुस्लिमों को टिकट दिया गया है। राज्य सभा और विधान परिषद और संसद में मुसलमानों की नुमाइंदगी को एक साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है। बरेली में हुई अखिलेश की सभा में आजम खां का फोटो तक नहीं लगाया गया। अन्य जनपदों में कई सपा मुस्लिम विधायक और आजम खां सालों से जेल में हैं। इन तमाम चीजों के जिम्मेदार अखिलेश यादव हैं। उन्होंने मुसलमानों के मुद्दों से अपने आपको अलग-थलग कर रखा है।
'सपा कर रही मुस्लिम वोटों का व्यापार'
मुस्लिम उलेमाओं ने कहा कि अखिलेश यादव मुसलमानों की दाढ़ी और टोपी से नफ़रत करते हैं। उन्होंने मुसलमानों को अपना बंधुआ मजदूर समझ रखा है। उनकी नजर में मुसलमान दरी बिछाने और कुर्सी लगाने के अलावा कोई हैसियत नहीं रखता। वह हमेशा मुसलमानों को बीजेपी और आरएसएस का डर व खौफ दिखाते रहते हैं। मुसलमानों के अंदर सियासी सूझबूझ न होने की वजह से अखिलेश यादव मुसलमानों का इस्तेमाल करते हैं। वह एक तरह से मुसलमानों के वोटों का व्यापार कर रहे हैं। मगर अब इस चुनाव में मुसलमान उनके व्यापार को बंद कर देगा। अब दरी बिछाने और कुर्सी लगाने के बजाय सत्ता को छीनने की कोशिश करेगा।
'नोटा का बटन दबाएं मुसलमान'
मुस्लिम उलमाओं ने फैसला कर अपील की है कि बरेली लोकसभा सीट से भाजपा और सपा प्रत्याशी के अलावा किसी नेशनल पार्टी से कोई मुसलमान उम्मीदवार नहीं है। इसलिए मुसलमान सपा प्रत्याशी का बहिष्कार करते हुए नोटा का बटन दबाएं। सपा प्रत्याशी प्रवीन सिंह ऐरन ने बरेली के मुस्लिम मुद्दों से अपने आप को दूर रखा। बरेली के बिचपुरी के मुसलमानों पर बुल्डोजर चला तो वह कहीं नहीं दिखे। पुराने बरेली शहर में मोहर्रम के जुलूस को रोका गया। लेकिन वे कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आए।
उन्होंने आगे कहा, इज्ज़तनगर रेलवे स्टेशन स्थित मजार नेहने शाह को तोडने का नोटिस दिया गया। मुसलमान बहुत बैचेन थे मगर वे कहीं नजर नहीं आए। इसलिए मुसलमान सपा प्रत्याशी का नोटा बटन दबाकर बहिष्कार करें।
बसपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील की
मुस्लिम उलमा ने आंवला से बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी आबिद अली और बदायूं से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मुस्लिम खां को वोट देने की अपील की है। इन दोनों लोक सभा में कोई अन्य मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। ये दोनों मुस्लिम प्रत्याशी मजबूत और निडर और जुझारू हैं। आंवला और बदायूं लोकसभा क्षेत्रों में मुसलमानों की तादाद भी बहुत है। इसलिए मुसलमान मुत्ताहिद होकर इन दोनों को जिताए, ताकि मुस्लिम नेतृत्व मजबूत हो और संसद में पहुंच कर मुसलमानो की नुमाइंदगी करे, मुसलमानों की आवाज बने।
मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने कहा, बदायूं में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जिस तरह से मुसलमानों की नुमाइंदगी को खत्म किया है वह बच्चा-बच्चा जानता है। इसलिए अब उनसे मुसलमान सपा प्रत्याशी को वोट न देकर अपना हिसाब किताब बराबर कर लें। मीटिंग में भाग लेने वाले मुस्लिम उलमा मौलाना हाफिज नूर अहमद अजहरी, मुफ्ती मजहर इमाम कादरी, मौलाना मुजाहिद हुसैन, मौलाना अरबाज रज़ा, मौलाना अनिसुल रहमान, मौलाना अब्सार अहमद के साथ ही मुस्लिम जमात के भी पदाधिकारी मौजूद रहे।