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अलवर, भरतपुर और दौसा में कम वोटिंग प्रतिशत, बीजेपी से मोहभंग और कांग्रेस-इंडी को बता रहा बढ़त?

भरतपुर.

राजस्थान में इस बार 2019 की तुलना में 6 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। सियासी जानकार इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे है। कांग्रेस को फायदा बता रहे है। जबकि बीजेपी को नुकसान। हालांकि, एक वर्ग का यह भी कहना है कि कम मतदान से बीजेपी को फायदा होगा। वोटिंग के अनुसार पिछले दो चुनावों में प्रतिशत बढ़ने का फायदा बीजेपी को मिला। लेकिन इस बार कम मतदान हुआ है। ऐसे में हाई प्रोफाइल सीटें अलवर, जयपुर ग्रामीण और भरतपुर पर नजरें टिकी हुई है। इन सीटों पर बड़े चेहरों की लड़ाई है। जबकि भरतपुर में सीएम भजनलाल शर्मा की किस्मत दांव पर लगी है।

अलवर से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव चुनाव लड़ रहे है। जबकि जयपुर ग्रामीण से सचिन पायलट समर्थक अनिर चौपड़ा। इस बार तीनों की संसदीय क्षेत्रों में कम वोटिंग हुई है।  अलवर में इस बार 59.79 मतदान हुआ है। जबकि 2019 में 66.82% मतदान हुआ था। इसी प्रकार भरतपुर : 52.69 मतदान हुआ है। जबकि 2019 में 58.81% हुआ था। जयपुर ग्रामीण56.58 मतदान हुआ हौ। जबकि 2019 में 65% मतदान हुआ था।

अलवर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की किस्मत दांव पर
अलवर हाई प्रोफाइल सीट है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के चुनाव लड़ने से यह सीट हाई प्रोफाइल बन गई है। भूपेंद्र यादव को आरएसएस का करीबी माना जाता है। ऐसे में उनको जिताने के लिए चुनाव में आरएसएस ने पूरी ताकत झौंक दी। भूपेंद्र यादव का पहला चुनाव है। वह राज्यसभा सांसद थे। हरियाणा निवासी होने की वजह से चुनाव में इस बार उन पर बाहरी होने के आरोप लगे है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चुनाव अभियान के दौरान बाहरी का मु्द्दा उठाया है। अलवर में कांग्रेस ने युवा विधायक ललित यादव को टिकट दिया है। ललित यादव मुंडावर से विधायक बने है। ऐसे में युवा और अनुभव के बीच कांटे की टक्कर है। ललित यादव को स्थानीय होने का फायदा मिल सकता है। अलवर सीट से बीजेपी लगातार पिछले दो चुनाव जीतती आ रही है। इस बार बीजेपी ने चुनाव से पहले सांसद बालकनाथ को विधायक का चुनाव लड़वा दिया।

दौसा में सचिन पायलट की प्रतिष्ठा
पूर्वी राजस्थान की सियासत का केंद्र बिंदु कहीं जाने वाली दौसा लोकसभा सीट सचिन पायलट की वजह से सुर्खियों में है। वजह यह है कि दौसा से कांग्रेस ने पायलट की पसंद मुरारी लाल मीणा को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बीजेपी ने कन्हैयालाल मीणा को टिकट दिया है। मुरारी लाल की जीत के लिए सचिन पायलट ने दौसा जिले में ताबड़तोड़ रैलियां की है। जबकि कन्हैयालाल के लिए किरोड़ी लाल मीणा ने जनसभाएं की है। बीजेपी ने इस बार दौसा से अपनी सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर कन्हैयालाल पर भरोसा जताया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि किरोड़ी लाल मीणा ने धमकाने वाले अंदाज में वोट देने की अपील की है, उससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा बीजेपी से आगे है। किरोड़ी लाल ने यहां तक कह दिया कि महुवा से बीजेपी हारती है तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे। 

भरतपुर सीएम भजनलाल का गृह जिला
इसी प्रकार भरतपुर सीट सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला होने की वजह से सुर्खियों में है। कांग्रेस ने संजना जाटव को टिकट दिया है। जबकि बीजेपी ने रामस्वरुप कोली को टिकट दिया है। भरतपुर सीट के लिए  सीएम भजनलाल शर्मा ने रोड शो भी किया है। भरतपुर में जाट आरक्षण का मुद्दा इस गर्माया हुआ है। आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी सीएम भजनलाल से नाराज हो गए। धौलपुर औऱ भरतपुर के जाट लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि आरक्षण का मुद्दा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है।

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