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मायावती को तगड़ा झटका, सांसद मलूक नागर RLD में शामिल हो गए

लखनऊ

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मायावती को झटका लगा है। बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। बसपा सांसद मलूक नागर बसपा छोड़कर आरएलडी में शामिल हो गए हैं। रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने उन्हें सदस्यता दिलाई है।दरअसल, बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर, मेरठ के पूर्व मंत्री लखीराम नागर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा नागर ने गुरुवार को बसपा से इस्तीफा दिया। इस्तीफ के बाद  बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर ने एक  चिट्ठी लिखी। उन्होंने कहा कि बड़ी मजबूरी में पार्टी छोड़ रहा हूं।

बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजे इस्तीफे में बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर, मेरठ के पूर्व मंत्री लखीराम नागर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा नागर ने पार्टी छोड़ने की वजह बताई। मलूक नागर ने दो पन्ने के अपने लेटर में कहा कि वे पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया। वह पार्टी के लिए पूरी निष्ठा काम करते रहे। उन्होंने कहा कि 39 साल का उनका राजनीतिक करियर है। वे पहली बार  विधायक भी नहीं लड़ पाए व सांसद भी नहीं लड़ पाए।

उन्होंने आगे लिखा कि साल 2006 बसपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके बाद हम कई पदों पर रहे। इसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार की राजनीतिक हैसियत और सामाजिक हैसियत या देश स्तर पर पहचान वाला कोई भी व्यक्ति नहीं जो हमारे जितना लंबा समय के लिए बसपा पार्टी में रहा हो। बसपा में पिछले कुछ सालों में या तो निष्ठावान लोगों को निकाल दिया जा रहा है या पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। 2019 में बिजनौर लोकसभा से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया।  

मलूक नागर ने न्यूज़ एजेंसी से बात की, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह बताई. उन्होंने कहा, "ये पहली बार हो रहा है जब हम न एमएलए लड़े, न एमपी लड़े हैं..देश के लिए कुछ करना है, 39 साल का हमारा बैंक बेलेंस हैं तो घर में तो नहीं बैठ सकते, इसलिए आज इस्तीफा दे दिया.. बसपा के इतिहास में ये रिकॉर्ड है कि या तो एक कार्यकाल में या आपको पार्टी से निकाल दिया जाता है या फिर वो पार्टी छोड़कर चला जाता है."

मलूक नागर ने क्यों दिया इस्तीफा?
मलूक नागर ने आगे कहा कि, "हम 18 साल तक रहे और राजनीतिक हमारा जो परिवेश और सामाजिक परिवेश है..या राजनीतिक जिन परिवेशों की जरुरत पड़ती है. जहां से मैं सांसद हूं वहां हिन्दू मुस्लिम का झगड़ा हुआ था वो कमाल गांव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरी लोकसभा में है. इस सारी हैसियत का एक भी आदमी या तो पार्टी छोड़कर चला गया या निकाल दिया गया..18 साल पार्टी में रहे है ये हमारा रिकॉर्ड है."

सांसद ने कहा, हमने कई बार कड़वे घूंट भी भरे हैं. एमएलए नहीं लड़ाया गया चुप रहे..सांसद नहीं लड़ाया गया चुप रहे..स्टार प्रचारकों में भी नहीं डाला गया चुप रहे.. लेकिन, देश के लिए काम करना चाहते हैं देश के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं, इसलिए आज मजबूरी में पार्टी छोड़ने पड़ रही है. नया घर तलाशा जाएगा.. अपने सभी समर्थकों से चर्चा करके जो भी नया कदम होगा उसकी सूचना दी जाएगी. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, अभी कई चरण बाकी है..राजनीति संभावनाओं का खेल हैं

मलूक नागर पश्चिमी यूपी के काफी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं, उन्हें अक्सर टीवी डिबेट में तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए देखा जा सकता है. पिछले दिनों मलूक नागर के बीजेपी में जाने की ख़बरें भी सुर्खियों में रही, जिसके बाद से ही बसपा सुप्रीमो मायावती उनसे नाराज बताई जा रही थी. बसपा ने इस बार उनका टिकट भी काट दिया था.

 

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