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गाजा में नागरिकों के मौत की भारत ने की निंदा, मानवीय संकट गहरा रहा, फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध

संयुक्त राष्ट्र
भारत ने गाजा में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष के कारण उत्पन्न मानवीय संकट को बिल्कुल अस्वीकार्य बताया है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव को सकारात्मक कदम बताया जिसमें रमजान के महीने में तत्काल युद्धविराम की मांग की गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में सोमवार को विचार व्यक्त करते हुए भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम गाजा में चल रहे संघर्ष से बेहद परेशान हैं।

मानवीय संकट गहरा रहा
रुचिरा कंबोज ने कहा कि इससे मानवीय संकट गहरा गया है और क्षेत्र व उसके बाहर अस्थिरता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 25 मार्च को एक प्रस्ताव को अपनाने को सकारात्मक कदम के रूप में देखता है। इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान गई है। उन्होंने कहा कि इससे उपजा मानवीय संकट पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

रमजान के महीने के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पिछले महीने अपनाए गए प्रस्ताव में रमजान के महीने के लिए तत्काल युद्धविराम की मांग की गई थी। इसका सभी पक्षों से सम्मान करने की बात कही गई थी, जिससे एक स्थायी युद्धविराम हो सके। कंबोज ने कहा कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों के विरुद्ध भारत का दीर्घकालिक और समझौता न करने वाला रुख रहा है, हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।

फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध
रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराई और आगे भी करता रहेगा। हम इसके साथ पिछले वर्ष सात अक्टूबर को इजरायल के निरीह नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि गाजा पर लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए, विफलता अक्षम्य होगी।

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