- भ्रष्ट कर्मचारी की ग्रेज्युटी जब्त कर सकता है विभाग
- श्रमायुक्त न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
Madhya pradesh jabalpur madhya pradesh labor commissioner decision court department can confiscate gratuity of corrupt employee: digi desk/BHN/जबलपुर/श्रमायुक्त न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में साफ किया कि ग्रेच्युटी कर्मचारी का वैधानिक अधिकार है। कर्मचारी की नैतिक अधमता के कारण विभाग ग्रेच्युटी की आंशिक या राशि जब्त कर सकता है। भ्रष्टाचार के आरोप में सजायाफ्ता कर्मचारी की पूरी ग्रेच्युटी राशि जब्त करने का विभाग को पूरा अधिकार है। मामले में विभाग की ओर से अधिवक्ता अंजली बैनर्जी ने पक्ष रखा।
एफसीआइ की ओर से अतिरिक्त श्रमायुक्त न्यायालय के आदेश को अपील के जरिये चुनौती दी गई थी। अतिरक्ति श्रमायुक्त न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में सजायाफ्ता कर्मचारी को ग्रेच्युटी राशि प्रदान करने का आदेश सुनाया था। अपील में कहा गया कि आदेश का परिपालन करते हुए ग्रेच्युटी की राशि बैंक डाफट के रूप में जमा करा दी गई है। दरअसल, महेश कुमार बाजपेई एफसीआइ में कर्मचारी था।
रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा
सीबीआइ ने उसे 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। सेवानिवृत्त हो जाने के बाद अनावेदक ने सीबीआइ द्वारा दर्ज की गई एफआइआर व विभागीय कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट से उसे किसी प्रकार की राहत नहीं मिली थी।
वहीं दूसरी ओर सीबीआइ कोर्ट ने उसे भ्रष्टाचार का दोषी करार देते हुए कारावास की सजा सुना दी थी। जिसके बाद एफसीआइ की विभागीय अनुशासन समिति ने उसकी ग्रेच्युटी जब्त करने का निर्णय ले लिया था। जिसके विरुद्ध वह अतिरिक्त श्रम आयुक्त न्यायालय पहुंच गया। वहां से उसके हक में आदेश पारित हो गया। जिसे विभाग ने अपील के जरिये श्रमायुक्त न्यायालय में चुनौती दे दी।