बेंगलुुरु
लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक राज्य में बीजेपी की टेंशन लगातार बनी हुई है। पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा निर्दलीय चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाह रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया कि एक तरफ पीएम मोदी कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं, वहीं कर्नाटक बीजेपी में सत्ता की चाबी एक परिवार के पास है। ईश्वरप्पा ने बीएस येदियुरप्पा पर निशाना साधा है। उन्होंने शिवमोग्गा सीट से येदियुरप्पा के बेटे और मौजूदा सांसद बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा ने बगावत के तेवर अभी नरम नहीं किए हैं। उन्होंने शिवमोग्गा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की जिद अभी तक नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, "अब कोई बातचीत नहीं होगी और वह अपनी लड़ाई को अंत तक ले जाएंगे और वह शिवमोग्गा से ही चुनाव लड़ेंगे।"
शिवमोग्गा से हटने की शर्त रखी
उन्होंने शर्त रखी कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को अध्यक्ष पद से हटाया जाना चाहिए, तभी वह शिवमोग्गा में चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले को वापस लेने पर सहमत होंगे। बीएस येदियुरप्पा और उनके परिवार पर हमला करते हुए कहा, "एक परिवार के पास राज्य बीजेपी की सारी शक्तियां हैं जो पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत कर रही हैं।"
शाह से नहीं हो पाई मुलाकात
इससे पहले, अमित शाह के साथ बैठक की मांग से पहले, ईश्वरप्पा ने स्पष्ट कर दिया था कि वह चुनाव लड़ने का अपना फैसला तब तक नहीं बदलेंगे जब तक कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को चुनाव से पहले नहीं बदला जाता। ईश्वरप्पा ने कहा कि उनकी लड़ाई राज्य में "एक परिवार द्वारा" पार्टी के नियंत्रण के खिलाफ है।
एक परिवार के पास कर्नाटक बीजेपी की चाबी
उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि कांग्रेस में परिवार की संस्कृति है। इसी तरह, राज्य में बीजेपी एक परिवार के हाथों में है। पार्टी को उस परिवार से मुक्त किया जाना चाहिए। पार्टी कार्यकर्ता आहत हैं, उन्हें इस कष्ट से जरूर राहत मिलनी चाहिए। मैं जरूर चुनाव लड़ूंगा।" गौरतलब है कि कर्नाटक में लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में 26 अप्रैल और 7 मई को 28 सीटों पर मतदान होगा। शिवमोग्गा में 7 मई को मतदान होना है।