कोरबा
छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस ने दिग्गज उम्मीदवार उतारे हैं। बीजेपी ने सरोज पांडे को तो कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को टिकट दिया है। इस हबार कोरबा का चुनावी मुकाबला बड़ा रोचक हो गया है। कोरबा सीट के बारे में कहा जाता है कि इस सीट पर लगातार किसी भी उम्मीदवार की जीत नहीं होती है। फिलहाल यहां से सांसद ज्योत्सना महंत हैं, जो कि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की पत्नी हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए कोरबा सीट महत्वपूर्ण हो जाती है।
साल 2008 में कोरबा लोकसभा सीट का गठन हुआ था, इसके पहले यह क्षेत्र जांजगीर लोकसभा के अंतर्गत ही समाहित था। इस सीट पर साल 2009 में पहली बार चुनाव हुए, जिसमें चरण दास महंत कांग्रेस पार्टी की टिकट से जीतकर सांसद बने थे। इसके बाद 2014 में कोरबा सीट से बीजेपी के बंसीलाल महतो ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी चरण दास महंत को हराकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस में 2019 में ज्योत्सना चरण दास महंत को मैदान पर उतारा। ज्योत्सना महंत ने बीजेपी प्रत्याशी को हराया और अभी भी मौजूदा सांसद हैं।
क्यों खास है कोरबा
कोरबा उद्योगों के दृष्टिकोण से भी देश में खास अहमियत रखता है। कोरबा में भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी है। वहीं, कोरबा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा मिनीमाता हसदेव बांगो बांध भी स्थित है। छत्तीसगढ़ में कोरबा क्षेत्र अपनी परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र में 15 लाख 99 हजार 188 मतदाता हैं। कोरबा लोकसभा क्षेत्र आठ विधानसभा सीटों को मिलकर बना है। जिसमें कोरबा जिले के पांच विधानसभा और अविभाजित कोरिया जिले की तीन विधानसभा क्षेत्र मौजूद हैं। इनमें कोरबा, कटघोरा, रामपुर, पाली तानाखार, महेंद्रगढ़, भरतपुर सोनहत, बैकुंठपुर और मरवाही विधानसभा सीट कोरबा के लोकसभा क्षेत्र में आते हैं।
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति का दबदबा रहता है। अनुसूचित जनजाति के यहां 40 फीसदी से ज्यादा मतदाता हैं। इसके बाद अनुसूचित जाति के लगभग 10 फीसदी, वहीं मुस्लिम वोटर 3.5 फीसदी और बाकी बचे वोटर सामान्य वर्ग और ओबीसी केटेगरी से आते हैं।
कैसा था 2019 का रिजल्ट
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो कोरबा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत 5 लाख 23 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे को करीब 4 लाख 97 हजार वोट मिले। कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार को 26 हजार 249 वोटो से हराया था। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 19 हजार से ज्यादा वोट नोटा में पड़े थे।