- 500 से अधिक वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लिखा पत्र
- कहा कि एक विशेष ग्रुप देश में न्यायपालिका को कमजोर करने में जुटा है
National general lawyers letter to cji said judiciary is in danger pressure has to be avoided pm modi said congress culture of intimidation: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे समेत 500 से अधिक वरिष्ठ वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि न्यायपालिका खतरे में है। इसे राजनीतिक और व्यवसायिक दबाव से बचाना होगा। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। करीब 50 साल पहले उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका की बात कही थी। वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता से बचते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं।
अदालतें लोकतंक्र का स्तंभ बनी रहे
वकीलों ने अपने पत्र में लिखा कि न्यायिक अखंडता को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। हम वो लोग हैं, जो कानून को कायम रखने के लिए कार्य करते हैं। हमें अदालतों में खड़ा होना होगा। अब साथ आने और आवाज उठाने का समय है। उनके खिलाफ बोलना होगा जो छिपकर वार कर रहे हैं। हमें निश्चित करना होगा कि अदालत लोकतंत्र का स्तंभ बनी रहे। सोचे-समझे हमलों का कोई असर ना पड़े।
26 मार्च को लिखी चिट्ठी
CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखने वाले वकीलों में हरीश साल्वे, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा, अदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्जवला पवार, स्वरूपमा चतुर्वेदी और उदय होल्ला शामिल है। वकीलों ने लिखा कि एक विशेष समूह न्यायपालिका पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा है। अपने घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडे के तहत आरोप लगाकर अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।