Madhya pradesh gwalior exam papers opened 12 days in advance in college of jiwaji university gwalior: digi desk/BHN/ग्वालियर/ ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय अपने अजीबो-गरीब कारनामों के लिए जाना जाता है। ऐसा ही एक बार फिर कारनामा सामने आया है। ग्वालियर की साइंस कॉलेज में आज से यानी 27 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षाओं से 12 दिन पहले ही पेपर खोल लिया। जब इस बात की जानकारी जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन को लगी तो उसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने गलती मानने के बजाय अजीबो-गरीब तर्क दिया। कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि दो दिन छुट्टी थी और पेपर वाले दिन ऑफिस में बिजली नहीं थी, इसलिए पेपर में परिवर्तन की सूचना को वह देख नहीं पाए थे। इस मामले के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय ने होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
दरअसल, अभी जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में आज यानी 27 मार्च और 30 मार्च को बीवॉक के दूसरे सेमेस्टर प्रिंसिपल ऑफ हॉस्पिटल, एडमिनिस्ट्रेशन, वेटरनरी एनाटॉमी की परीक्षाएं होनी थी। इसी दौरान बीच में जीवाजी विश्वविद्यालय ने परीक्षा की तारीख आगे बढ़ा दी। लेकिन साइंस कॉलेज के अधिकारी और कर्मचारियों ने होने वाली परीक्षाओं के पेपरों को खोल दिया। जब इस बात की जानकारी जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों को लगी तो वहां हड़कंप मच गया। जब जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने साइंस कॉलेज के अधिकारियों को कारण पूछा तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनकर किसी को भी हंसी आ जाएगी।
साइंस कॉलेज के अधिकारियों ने दिया यह अजीबो-गरीब जवाब
जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रशासन ने जब साइंस कॉलेज के अधिकारियों से इसका जवाब मांगा तो उन्होंने जवाब में कहा कि दो दिन छुट्टी थी और पेपर वाले दिन ऑफिस में बिजली नहीं थी, इसलिए पेपर में परिवर्तन की सूचना को नहीं देख पाए थे। जबकि 18 मार्च के लिए बिजली कंपनी द्वारा जारी शेड्यूल में साइंस कॉलेज का नाम ही नहीं है। अब इस मामले को लेकर कॉलेज और विश्वविद्यालय के बीच का विवाद का खामियाजा कॉलेज के परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं, इस मामले को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी विमलेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि मामला गंभीर है और इसकी जांच के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी ने आदेश दे दिए हैं। पेपर परीक्षा की तैयारी से पहले खुलने के मामले में साइंस कॉलेज प्रबंधन को भी नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।