Farmers Violence:digi desk/BHN/ राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की ट्रैक्टर रैली के हिंसक प्रदर्शन के बाद जांच शुरू कर दी गई है। किसान आंदोलन के भड़काने के आरोप पंजाबी एक्टर व मॉडल दीप सिद्धू पर लग रहे हैं। प्रारंभिक तौर पर फिलहाल दिल्ली पुलिस ने किसानों के हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ 22 एफआईआर दर्ज कर ली है और सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गए हैं। लेकिन हिंसा फैलाने का सबसे ज्यादा आरोप पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू पर लगा है।
जानिए कौन है दीप सिद्धू
दरअसल दीप सिद्धू पंजाब के मुक्ससर के रहने वाले एक मॉडल और अभिनेता है। दीप सिद्धू ने किंगफिशर मॉडल हंट सहित कई स्पर्धाओं में हिस्सा में जीत हासिल की है। इसके बाद अभिनय की दुनिया में कदम रखते हुए फिल्म ‘रमता जोगी’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म का निर्माण मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र के बैनर ‘विजेता फिल्म्स’ ने किया था। इन सबके अलावा दीप सिद्धू एक लीगल एडवाइजर भी है।
साल 2019 में ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा था और गुरदासपुर से भाजपा नेता सनी देओल के लिए प्रचार किया था। लेकिन जब किसान आंदोलन शुरू हुआ था तो इसमें भी दीप सिद्धू ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। दीप सिद्धू शुरुआत से ही किसान आंदोलन में सक्रिय थे और गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे थे।
गुरनाम सिंह चढूनी का आरोप, दीप सिद्धू ने किया गुमराह
दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। हरियाणा के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दीप सिद्धू ने किसानों को गुमराह किया है। यह काफी निंदनीय है। किसान संगठनों का लाल किला जाने का हमारा कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू एक विद्रोही के रूप में वहां गया था और उसने लोगों को गुमराह किया। किसान संयुक्त मोर्चो को नहीं पता था कि दीप सिद्धू किसानों को गुमराह करके लाल किला पर लेकर जाएगा।
दीप सिद्धू की सफाई, भारत के झंडे को नहीं हटाया
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार दीप सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर जारी एक संदेश में कहा कि प्रदर्शन के दौरान हमने अपने लोकतांत्रिक आधिकार के तहत निशान साहब का झंडा लाल किले पर फहराया था लेकिन देश के झंडे को नहीं हटाया था। तिरंगे का बिल्कुल भी अपमान नहीं किया था। किसी ने देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाया। सिद्धू ने साथ ही यह भी दावा किया कि यह किसी योजना के तहत नहीं किया गया और उन्हें कट्टरपंथी नहीं बताया जाना चाहिए और इसे कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।