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सुबह 10.30 से दोपहर 3.02 बजे तक साढ़े चार घंटे के चंद्रग्रहण में मटमैला हो जाएगा चांद, भारत में सूतक काल नहीं

शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण की घटना शुभ नहीं होती है। इस वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ग्रहण से कुछ घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में पूजा-पाठ व धार्मिक कार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। होली के रोज इस वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण भी लगेगा, लेकिन यह देश में नहीं दिखेगा। इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साल का पहला चन्द्र ग्रहण इस बार रंगवाली होली (25 मार्च) के दिन लगेगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यानी इस ग्रहण के दौरान चांद के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता। बस चांद थोड़ा मटमैला दिखता है। उपछाया चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10:23 बजे शुरू होगा और दोपहर 3:02 बजे तक रहेगा। ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक भी नहीं लगेगा।
ग्रहण को विज्ञान में खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन हिंदू धर्म और ज्योतिष विद्या में ग्रहण को अशुभ माना गया है। चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस दिन ग्रहण के नियम भी लागू नहीं होंगे और सारे धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं। इस खगोलीय घटना का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। कुछ राशियों के लिए यह ग्रहण विशेष शुभ होगा।

यहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण-
साल का पहला चंद्र ग्रहण आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैंड, बेल्जियम, नार्वे, स्विट्जरलैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के हिस्सों में दिखाई देगा।

साढ़े चार घंटे तक रहेगा चंद्रग्रहण-
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार ये चंद्र ग्रहण 25 मार्च को सुबह 10.23 बजे से शुरू होगा, जो दोपहर 3.02 बजे तक रहेगा। भारत में ग्रहण दिखाई न देने के चलते भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। 

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