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जालौर : बाहरी का विरोध करने वाले लाल सिंह राठौड़ बने BSP उम्मीदवार, कांग्रेस के लिए खड़ी कर सकते हैं मुश्किल

जालौर.

राजस्थान के जालौर-सिरोही लोकसभा सीट पर वैभव गहलोत को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष लाल सिंह राठौड़ ने अब बसपा का दामन थामा है। ऐसे में अब बसपा से जालौर-सिरोही लोकसभा सीट से लाल सिंह राठौड़ चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के चलते लाल सिंह राठौड़ नाराज थे, जिन्होंने बार-बार बाहरी प्रत्याशियों को बनाए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की थी। लेकिन अब उन्होंने बसपा का दामन थामते हुए लोकसभा चुनाव में ताल ठोक दी है और वैभव गहलोत के सामने अब बसपा से चुनाव लड़ेंगे।

जालौर कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष लाल सिंह राठौड़ ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्हें बसपा से उम्मीदवार बनाया गया है। लाल सिंह राठौड़ ने कांग्रेस की टिकट घोषणा से पहले वराडा में एक आयोजन कर स्पष्ट रूप से चेतावनी दे दी थी कि अगर किसी बाहरी को टिकट दे दिया तो वे निर्दलीय लड़ेंगे। अब लाल सिंह बसपा से मैदान में उतरे हैं। इससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें हो सकती हैं।

साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे लाल सिंह
लाल सिंह राठौड़ ने 2017 में तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की थी। उसके बाद पार्टी ने कांग्रेस कमेटी खनन एवं उत्थान प्रकोष्ठ का प्रदेश महासचिव बनाया। साल 2023 में कांग्रेस ने जिला उपाध्यक्ष बनाया। इस अवधि में लाल सिंह राठौड़ ने आहोर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी की थी। लेकिन टिकट नहीं मिला। इस कारण इन्होंने लोकसभा के लिए दावेदारी की। साथ ही आयोजन कर बाहरी व्यक्ति का विरोध किया था। लेकिन यहां कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे लाल सिंह नाराज हो गए, उन्होंने समाज बंधुओं व कार्यकर्ताओं से जनसंपर्क करने के बाद कांग्रेस छोड़कर बसपा ज्वाइन की और पार्टी ने उन्हें अब जालौर संसदीय सीट पर उम्मीदवार भी घोषित किया है। वैभव गहलोत को टिकट मिलने के बाद से लगातार नाराज लाल सिंह राठौड़ क्षेत्र में देव दर्शन यात्रा और आमजन से जनसंपर्क कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशी की घोषणा के बाद एक बयान में भी बाहरी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतरने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी किया था, इसके बाद उन्होंने बसपा ज्वाइन की है।

ग्रेनाइट अध्यक्ष बनकर चर्चा में आए लाल सिंह राठौड़
लाल सिंह राठौड़ जालौर ग्रेनाइट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर जीएसटी लागू करने के दौरान ग्रेनाइट पत्थर पर 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखा था, जिसका लाल सिंह के नेतृत्व में उद्यमियों ने विरोध किया, जिस पर सरकार ने 18 प्रतिशत के स्लैब में ग्रेनाइट को शामिल किया और उन्होंने समय-समय पर ग्रेनाइट एसोसिएशन अध्यक्ष पद पर रहते हुए कई मुद्दों को भी उठाया।

कांग्रेस को हो सकता है वोटों का नुकसान
जालौर संसदीय सीट पर कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, भाजपा ने लुम्बाराम चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से लगातार लाल सिंह राठौड़ टिकट लाने में प्रयासरत थे। लेकिन नहीं मिलने से नाराज लाल सिंह राठौड़ ने अब कांग्रेस छोड़कर बसपा से लाल सिंह के उम्मीदवार बनने से मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है।

क्योंकि कांग्रेस के वोट बैंक में बसपा की सेंधमारी है। यह पिछले विधानसभा चुनावों में बसपा जाहिर करवा चुकी है। बसपा ने सांचौर विधानसभा सीट व 2018 में आहोर सीट पर इस प्रकार के समीकरण बनाकर कांग्रेस को झटका दे चुकी है। ऐसे में लाल सिंह कि बसपा से उम्मीदवारी के बाद अब त्रिकोणीय मुकाबला होगा और ऐसे में कांग्रेस वोट बैंक पर लाल सिंह के बसपा से चुनाव लड़ने पर खासा असर पड़ सकता है।

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